नई दिल्ली, 28 जुलाई। अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते के बाद सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने की मांग कम हो गई। इससे स्टॉकिस्ट की लगातार बिकवाली के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में लगातार चौथे सत्र में गिरावट आई और यह 500 रुपये की गिरावट के साथ 98,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोना शनिवार को 600 रुपये की गिरावट के साथ 98,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने में लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही और सोमवार को यह 500 रुपये टूटकर 97,750 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। पिछले बाजार सत्र में यह 98,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इसके अलावा, सोमवार को चांदी की कीमतें 1,000 रुपये घटकर 1,13,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर बंद हुईं। शनिवार को यह 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच, वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना और चांदी क्रमशः 3,337.95 डॉलर और 38.17 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर कारोबार कर रहे थे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक जिंस और मुद्रा जतीन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण सोने का कारोबार सकारात्मक लेकिन लगभग स्थिर दायरे में 3,335 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहा।’’
अमेरिका ने यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा की है, जिसमें अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने वाले अधिकांश यूरोपीय सामान पर 15 प्रतिशत शुल्क के साथ-साथ 27 देशों के समूह द्वारा अमेरिकी उद्योग में सैकड़ों अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता शामिल है। यह समझौता पिछले सप्ताह हुए अमेरिका-जापान व्यापार समझौते जैसा ही है।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘निवेशक इस सप्ताह आने वाले अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों, जिनमें बेरोजगारी भत्ते के दावे और दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े शामिल हैं, पर कड़ी नज़र रखेंगे।’’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी के अनुसार, व्यापार आशावाद और मज़बूत अमेरिकी डॉलर के बीच तेज़ड़िये सतर्क रहे और सोने की कीमत स्थिर बनी रही।
गांधी ने कहा कि शुल्क संबंधी चिंताओं में कमी के बीच सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की मांग घटने के कारण पिछले सप्ताह सर्राफा की कीमतों में गिरावट आई। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के साथ तनाव को कम करके अमेरिकी फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर बाजार की चिंताओं को कम किया। उन्होंने आगे कहा, ‘‘दोनों कारकों ने अमेरिकी डॉलर में वृद्धि में योगदान दिया, जो लगातार तीसरे दिन बढ़ा है और कीमती धातुओं की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।’’