पटना, 28 जुलाई (भाषा) बिहार की राजधानी पटना में हाल में ‘डॉग बाबू’ के नाम से आवास प्रमाण पत्र जारी करने का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। इस प्रमाण पत्र पर पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’, माता का नाम ‘कुतिया देवी’ लिखा है।
मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रशासन ने सभी संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है और निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया है।
निवास प्रमाण पत्र पिछले सप्ताह मसौढ़ी अंचल में जारी किया गया था, जो इसी नाम के अनुमंडल के अंतर्गत आता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान दस्तावेजों के लिए मची होड़ के चलते जारी किया गया।
बिहार लोक सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत, नागरिक निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उचित सत्यापन के बाद संबंधित अधिकारी इसे जारी करते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रमाण पत्र का स्क्रीटशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है, “ ‘डॉग बाबू’, पिता ‘कुत्ता बाबू’, माता ‘कुतिया देवी’।’’
इसके बाद कई लोग इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं कि इस तरह की मूर्खता होने देने के बजाय, निर्वाचन आयोग आधार कार्ड और राशन कार्ड को स्वीकार क्यों नहीं कर रहा है, जैसा कि हाल में उच्चतम न्यायालय ने सुझाव दिया है।
जिला प्रशासन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि मसौढ़ी अंचल में ‘डॉग बाबू’ के नाम से निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का मामला प्रकाश में आया है।
उसने कहा, ‘‘मामला संज्ञान में आते ही उक्त निवास प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है।’’
जिला प्रशासन ने कहा, ‘‘साथ ही आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले पदाधिकारी के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
उसने बताया, ‘‘मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी ने विस्तृत जांच की तो पता चला कि आवेदन दिल्ली की रहने वाली एक महिला का आधार कार्ड संलग्न कर किया गया था।’’
जिला प्रशासन ने कहा कि बिना सोचे-समझे ऑनलाइन आवेदन को आगे बढ़ाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
उसने कहा कि आवेदन में स्पष्ट विसंगतियों के बावजूद प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी को निलंबित करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से सिफारिश की गई है।
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