नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य के चुनाव अधिकारियों को धमकाने और उन्हें मतदाता सूची के भावी पुनरीक्षण के दौरान निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं करने का निर्देश देने का आरोप लगाया।
इससे पहले, ममता ने राज्य सरकार के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान लोगों को परेशान न किया जाए। उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग पर मतदाता सूची में सुधार करने की आड़ में बांग्ला भाषी प्रवासियों, अल्पसंख्यकों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और गरीबों को निशाना बनाकर वैध मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि वह अपने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोट बैंक को बचाने के लिए अधिकारियों को खुलेआम धमकी दे रही हैं, क्योंकि वह जानती हैं कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) फर्जी वोटों के बिना धराशायी हो जाएगी।
मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब खुलेआम निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को धमकी दे रही हैं – कह रही हैं कि वे राज्य के लिए काम करते हैं और उन्हें राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं करना चाहिए।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यह हताशा क्यों? अपने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोट बैंक को बचाने के लिए। वह ढिठाई से एक साफ-सुथरी, सत्यापित मतदाता सूची का विरोध कर रही हैं, क्योंकि तृणमूल का अस्तित्व फर्जी मतदाताओं पर टिका है। ममता जानती हैं कि बिना फर्जी मतों के तृणमूल धराशायी हो जाएगी।’’
मालवीय ने आरोप लगाया, ‘‘यह सिर्फ राजनीतिक अहंकार नहीं है। यह भारत के संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है।’’
निर्वाचन आयोग ने हाल में सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार के बाद, देश के अन्य सभी राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य शुरू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाषा धीरज पारुल
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