कोलकाता, 28 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल में सोमवार को सैकड़ों बेरोजगार स्कूली शिक्षकों और राज्य सरकार के सेवारत कर्मचारियों ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ की प्रतिकृति और तख्तियां लेकर हावड़ा की सड़कों पर रैली निकाली और धरना दिया।
प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों की नौकरी बहाल करने और राज्य प्रशासन के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की मांग की।
रैली का आयोजन ‘संग्रामी जोथो मंच’ ने किया, जो बेरोजगार स्कूली शिक्षकों और राज्य सरकार के सेवारत कर्मचारियों का एक संयुक्त मंच है। धरने की शुरुआत ‘नबन्ना अभिजन’ (राज्य सचिवालय तक मार्च) नाम से एक रैली के रूप में की गई। राज्य सचिवालय से कुछ पहले ही शिबपुर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया।
रैली में सबसे आगे रहे ‘संग्रामी जोथो मंच’ के संयोजक आशीष खमरूई ने कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श और भारी बारिश को देखते हुए साढ़े तीन घंटे से अधिक समय बाद धरने और रैली को समाप्त कर दिया गया।
खमरूई ने कहा, ‘‘हम जल्द ही अपनी आगे की रणनीति घोषित करेंगे। आज बारिश के कारण हमें अपना आंदोलन वापस लेना पड़ा। लेकिन हम सड़क से नहीं हटेंगे। हम एक संगठनात्मक बैठक में अपने भविष्य के कदमों पर निर्णय लेंगे। अगस्त में हमारा आंदोलन और तेज होगा।’’
इससे पहले, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए फोरशोर रोड पर स्टील के दो ऊंचे बैरिकेड लगाए थे, जिसके बाद रैली में शामिल लोग सड़क पर बैठ गए और कहा कि जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी मांगों पर विचार नहीं करतीं, वे तब तक वहां से नहीं हटेंगे।
खमरूई ने कहा, “हमारी मांगों में 26,000 शिक्षकों की बहाली शामिल है, जो उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बेरोजगार हो गए हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर तत्काल भर्ती की जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हम पिछले तीन साल से मध्य कोलकाता के शहीद मीनार इलाके में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम अनिश्चित काल तक यहीं सड़क पर बैठने के लिए तैयार हैं।”
राज्य कर्मचारी आशीष बनर्जी ने कहा कि ममता सरकार उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के अनुसार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा, “अब वे हमारी रैली के बारे में कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला दे रहे हैं, जबकि अदालत ने हमें रैली निकालने से कभी मना नहीं किया। उसने सिर्फ इतना कहा था कि प्रदर्शन से मंगला हाट जैसी सार्वजनिक जगहों पर कोई व्यवधान नहीं पैदा होना चाहिए।”
हावड़ा के पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने पहले कहा था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ‘नबन्ना अभिजान’ की अनुमति नहीं दी है और पुलिस अदालत के निर्देश का पालन करेगी।
हालांकि, ‘संग्रामी जोथो मंच’ ने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि रैली से मंगला हाट के व्यापारियों पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।
खमरूई ने कहा कि रैली साप्ताहिक बाजार के आसपास भी नहीं गई, जो हर मंगलवार को आयोजित होता है।
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