(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की पत्नी बिलकिस शाह की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।
इस याचिका में कथित आतंकवाद वित्तपोषण से संबंधित 2007 के धनशोधन मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तिथि नियत की है।
बिलकिस पर सह-आरोपी मोहम्मद असलम वानी से 2.08 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है।
बिलकिस की ओर से पेश हुए वकील एम एस खान ने कहा कि जिस अपराध से संबंधित मामले के आधार पर ईडी ने वर्तमान प्राथमिकी दर्ज की थी, वह वानी के खिलाफ था, जिसे नवंबर 2010 में एक अधीनस्थ अदालत ने हथियार रखने के अलावा सभी अपराधों से बरी कर दिया था।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2017 में अधीनस्थ अदालत के 2010 के आदेश को बरकरार रखा।
खान ने दलील दी, ‘‘परिणामस्वरूप, अभियोजन पक्ष ने अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधियों से कमाई के जो आरोप लगाये हैं, वे निराधार हैं। यह पूरी तरह से कानूनी सिद्धांत के अनुरूप है कि यदि अंतर्निहित अनुसूचित अपराध नहीं टिकता है, तो धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संबंधित कार्यवाही भी विफल हो जाती है।’’
उच्च न्यायालय ने वानी की इसी तरह की याचिका पर 23 जुलाई को ईडी को नोटिस जारी किया था।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा, ‘‘इसी तरह का आदेश जारी करें।’’
वानी और शब्बीर शाह के खिलाफ जनवरी 2017 में आरोप तय किए गए थे और बाद में 2021 में मामले में एक पूरक आरोपपत्र द्वारा बिलकिस को आरोपी बनाया गया था।
खान ने कहा कि लगभग सात साल बीत जाने के बावजूद, 33 गवाहों में से केवल चार से ही पूछताछ की गई।
दोनों (वानी एवं शब्बीर शाह) के खिलाफ ईडी की कार्रवाई अगस्त 2005 के एक मामले से संबंधित थी। अगस्त 2005 में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने वानी नामक एक डीलर को गिरफ्तार किया था, जिसने दावा किया था कि उसने शब्बीर शाह को 2.25 करोड़ रुपये दिए थे।
दिल्ली की एक अदालत ने 2010 में वानी को आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों से मुक्त कर दिया, लेकिन उसे शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया।
ईडी ने शब्बीर शाह और वानी के खिलाफ पीएमएलए के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया।
वानी को कथित तौर पर पश्चिम एशिया से हवाला के जरिए प्राप्त 63 लाख रुपये और गोला-बारूद के एक बड़े जखीरे के साथ 26 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया गया था।
उसने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि 50 लाख रुपये शाह को और 10 लाख रुपये श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबू बकर को दिए जाने थे एवं बाकी रकम उसका कमीशन थी।
श्रीनगर के रहने वाले वानी ने शब्बीर शाह और उसके परिजनों को कई किश्तों में लगभग 2.25 करोड़ रुपये देने का भी दावा किया है।
भाषा राजकुमार रंजन
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