(फाइल फोटो के साथ)
जम्मू, 28 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान इस केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान इस पर कोई प्रगति नहीं होती है, तो उनकी सरकार इस मुद्दे को उठाएगी।
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि वह एक अगस्त से राज्य दर्जा बहाली आंदोलन तेज करेगी है। उसने ‘हमारी रियासत हमारा हक’ अभियान के तहत क्रमिक भूख हड़ताल समेत तीन सप्ताह के कार्यक्रम की घोषणा की है।
अब्दुल्ला ने यहां एक समारोह के दौरान पत्रकारों से कहा,‘‘संसद का यह सत्र बीत जाने दीजिए। हमें उम्मीद है कि इस सत्र में हमें कुछ मिलेगा। अगर हमें कुछ नहीं मिलता है, तो हम उसके बाद बातचीत करेंगे। जब तक संसद सत्र चल रहा है, मैं हड़ताल पर नहीं जाऊंगा।’’
वह कांग्रेस की इस घोषणा पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि वह राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अपना आंदोलन तेज करेगी।
पिछले साल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस को केवल छह सीट मिली थीं, जबकि क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीट मिली थीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस को पांच निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होने तक सरकार से दूर रहने का फैसला किया है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर मैं सही हूं, तो संसद सत्र 21 या 22 अगस्त तक चलेगा। अगर हमें इस दौरान संसद के भीतर या बाहर राज्य का दर्जा बहाल करने पर कोई प्रगति नहीं दिखती है, तो हम इस विषय पर बात करेंगे।’’
इससे पहले दिन में प्रेसवार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि उनकी पार्टी व्यापारियों, ट्रांसपोर्टर और असंगठित क्षेत्रों तक पहुंचकर एक अगस्त से राज्य का दर्जा बहाली अभियान तेज कर रही है, जिसके बाद नौ से 21 अगस्त तक जिला मुख्यालयों में क्रमिक भूख हड़ताल की जाएगी।
पांच अगस्त 2019 को केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
भाषा राजकुमार दिलीप
दिलीप