तेल अवीव, 28 जुलाई (एपी) इजराइल के दो बड़े मानवाधिकार संगठनों ‘बी त्सेलेम’ और ‘फिजिशियन फॉर ह्यूमन राइट्स-इजराइल’ ने सोमवार को कहा कि उनका देश गाजा में नरसंहार कर रहा है।
लगभग 22 महीने के युद्ध के दौरान यह पहली बार है जब स्थानीय यहूदी-नेतृत्व वाले संगठनों ने इजराइल पर ऐसे आरोप लगाए हैं।
यह दावे ‘बी’त्सेलेम’ और ‘फिज़ीशियन्स फॉर ह्यूमन राइट्स-इज़राइल’ (पीएचआरआई) द्वारा किए गए हैं।
‘फिजिशियन फॉर ह्यूमन राइट्स-इजराइल’ के निदेशक गाय शालेव ने कहा कि यहूदी-इज़राइली जनता अक्सर नरसंहार के आरोपों को यहूदी-विरोधी या इज़राइल के खिलाफ पक्षपातपूर्ण बताकर खारिज कर देते हैं।
उन्होंने कहा,’शायद जब इज़राइल के अपने ही मानवाधिकार संगठन ऐसा कहें, तो लोग इन आरोपों को गंभीरता से लें और असली हालात को समझने लगें।’
इज़राइल का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करता है और ग़ज़ा में उसकी लड़ाई आत्मरक्षा के लिए है। वह इन आरोपों को झूठा और पक्षपाती बताता है।
पीएचआरआई की रिपोर्ट बताती है कि इज़राइल ने वो काम किए हैं जो साफ़ तौर पर किसी पूरे समुदाय को खत्म करने की मंशा दिखाते हैं — जैसे ज़िंदगी की ज़रूरी चीज़ें छीन लेना।
इज़राइली सरकार ने सोमवार को बी’त्सेलेम और पीएचआरआई की रिपोर्टों पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।
मानवाधिकार संगठनों ने अपनी अलग-अलग, लेकिन संयुक्त रूप से जारी की गई रिपोर्टों में बताया है कि गाजा में इज़राइल की नीतियां, वहां के लक्ष्यों के बारे में बड़े अधिकारियों के बयान, और क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को जानबूझकर खत्म करना, ये सभी बातें उनके इस नतीजे पर पहुंचने की वजह हैं कि नरसंहार हो रहा है।
उन्होंने जो बातें कही हैं, वे ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे दूसरे अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों की पिछली रिपोर्टों से मिलती-जुलती हैं।
बी’त्सेलेम ने कहा कि हमास के इज़राइल पर हमले से युद्ध शुरू हुआ, जिससे गाजा में फ़लस्तीनियों के प्रति देश की नीति दमन और नियंत्रण से विनाश और उन्मूलन में बदल गई।
एपी योगेश रंजन
रंजन
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