हैदराबाद, 29 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) की हैदराबाद पीठ ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली और उनके पक्ष में निर्देश जारी किए।
जगन ने तीन सितंबर 2024 को दाखिल याचिका में सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज में उनके तथा उनकी पत्नी भारती के शेयर को उनकी बहन वाईएस शर्मिला और मां विजयम्मा के नाम पर किए गए ‘‘अवैध हस्तांतरण’’ को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
याचिका में जगन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) से कंपनी में उनके और भारती द्वारा रखे गए शेयर के हस्तांतरण को रद्द करने, निरस्त करने और निष्प्रभावी करने के साथ ही सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में उनके नाम बहाल करने का अनुरोध भी किया था।
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख के वकील वाई सूर्यनारायण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ जगन मोहन रेड्डी की याचिका स्वीकार कर ली गई है। हम आदेश की प्रति का इंतजार कर रहे हैं। कुछ निर्देश भी दिए गए हैं। जगन मोहन रेड्डी द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि सरस्वती पावर में शेयर के हस्तांतरण की अनुमति दे दी गई है।’’
संपर्क करने पर शर्मिला के वकील के. देवी प्रसन्ना कुमार ने कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण या उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे।
जगन, भारती और विजयम्मा के पास सरस्वती पावर में क्रमशः 74.26 लाख (29.88 प्रतिशत), 41 लाख (16.30 प्रतिशत) और 1.22 करोड़ शेयर (48.99 प्रतिशत) हैं, जबकि शेष शेयर क्लासिक रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने शर्मिला के साथ अपने संबंधों में तनाव आने के बाद इस मुद्दे पर प्राधिकरण का रुख किया था। शर्मिला वर्तमान में आंध्र प्रदेश कांग्रेस इकाई की प्रमुख हैं।
भाषा निहारिका मनीषा
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