छत्रपति संभाजीनगर, 29 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के प्रसिद्ध घृष्णेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर के पूर्वजों ने कराया था। विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।
मूर्तिकला विशेषज्ञ योगेश जोशी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर देश का 12वां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। घृष्णेश्वर मंदिर देश के दक्षिणमुखी कुछ मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
योगेश जोशी के मुताबिक महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के एलोरा में स्थित हिंदुओं के पवित्र स्थलों में से एक, घृष्णेश्वर मंदिर के प्रारंभिक निर्माण के अभिलेख उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन इस मंदिर का दो अलग-अलग मराठा परिवारों द्वारा जीर्णोद्धार कराया गया।
एलोरा में विश्व प्रसिद्ध प्राचीन गुफाएं हैं, यह निजाम शासन के दौरान भोसले वंश की ‘जागीर’ थी। भोसले परिवार का पैतृक निवास एलोरा में घृष्णेश्वर से कुछ ही कदम की दूरी पर था।
एक अधिकारी के अनुसार इस निवास के अवशेष राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित हैं।
जोशी ने कहा, ‘‘ घृष्णेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार सर्वप्रथम 17वीं शताब्दी में मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के पूर्वजों द्वारा किया गया था। मंदिर में आज भी एक शिलालेख मौजूद है, जिसमें मालोजी और एकोजी भोसले के नाम उत्कीर्ण हैं। बाद में, 18वीं शताब्दी में अहिल्याबाई होल्कर द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया।’’
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