(सुजीत नाथ)
पोर्ट ब्लेयर, 29 जुलाई (भाषा) अंडमान और निकोबार प्रशासन ने इन द्वीपों के चार प्राकृतिक स्थलों को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में शामिल किए जाने का प्रस्ताव दिया है। मुख्य सचिव चंद्र भूषण कुमार ने यह जानकारी दी।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि प्रशासन इन्हें भू-विरासत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के साथ भी काम कर रहा है।
इन स्थलों में भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी वाला बैरन द्वीप और दुर्लभ पक्षी ‘नार्कोंडम हॉर्नबिल’ के लिए प्रसिद्ध नार्कोंडम द्वीप भी शामिल हैं।
इसके अलावा बाराटांग के मिट्टी ज्वालामुखी और शहीद द्वीप पर स्थित प्राकृतिक पुल अन्य दो स्थल हैं जिनका प्रस्ताव दिया गया है।
बारटांग के मिट्टी ज्वालामुखी भूवैज्ञानिक तौर पर दुर्लभ स्थल हैं और इन्हें दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप की तरह ‘वेलनेस और इको-टूरिज्म’ के लिए विकसित किया जा सकता है। जबकि शहीद द्वीप पर स्थित प्राकृतिक पुल एक आकर्षक चट्टानी संरचना है और यह हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
कुमार ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र की समृद्ध भूवैज्ञानिक और पारिस्थितिक विरासत को उजागर करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने द्वीपों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल की हैं। इसमें हमारे विरासत स्थलों का उपयोग करना शामिल है, जो हमारे इतिहास, जैव विविधता और जीवन शैली को दर्शाते हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘ये स्थल पहले से ही आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन अब हमारा लक्ष्य इन्हें अधिक संरचित, टिकाऊ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त तरीके से विकसित करना है।’’
कुमार ने बताया कि प्रशासन ने इन स्थलों के लिए वैज्ञानिक दस्तावेजीकरण, बुनियादी अवसंरचना के विकास और जिम्मेदार पर्यटन योजना सुनिश्चित करने के मकसद से जीएसआई के साथ भागीदारी की है।
भाषा यासिर पवनेश
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