नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोई ने पहलगाम हमले को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘‘विश्वगुरु’’ ने अपने ही देश के लोगों को निराश किया है।
द्रमुक सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए विश्व के विभिन्न देशों में भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में विपक्षी दलों के सांसदों को शामिल करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अवसरों का जश्न मनाने के बजाय शोक मनाने की जरूरत होती है।
कनिमोई ने कहा, ‘‘पहली बार, भाजपा ने विपक्ष पर थोड़ा भरोसा दिखाया और हमें देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिनिधिमंडलों के हिस्से के रूप में भेजा। मैं उनका धन्यवाद करना चाहती हूं, लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगी कि अगर इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने का अवसर नहीं मिलता, तो हम कहीं अधिक खुश और आभारी होते।’’
कनिमोई ने कहा, ‘‘इन प्रतिनिधिमंडलों को क्यों जाना पड़ा, हमले क्यों हुए…कुछ अवसर जश्न मनाने के लिए नहीं, बल्कि शोक मनाने के लिए होते हैं…यह नौबत इसलिए आई क्योंकि शांति भंग हुई…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें जाना पड़ा, क्योंकि आपने भारत के लोगों को निराश किया। विश्वगुरु ने हमें निराश किया है…आज यह दोषारोपण का खेल बन गया है। आज भी, गृहमंत्री ने अपने भाषण में केवल विपक्ष को दोष देने पर ध्यान केंद्रित किया।’’
भाजपा भारत को ‘‘विश्वगुरु’’ के रूप में देखती है, वहीं विपक्ष अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर कटाक्ष करने के लिए करता है।
द्रमुक सांसद ने सवाल किया कि अगर भारत वास्तव में ‘‘विश्वगुरु’’ है तो आतंकवादी हमले क्यों होते रहते हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई कुछ घटनाओं का जिक्र किया, जिनमें आतंकवादियों ने लोगों की जान ली थी।
कनिमोई ने कहा कि मई 2024 में जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकवादियों ने नौ तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2024 में एक और हमला हुआ और नवंबर 2024 तथा अप्रैल 2025 में क्रमश: श्रीनगर और पहलगाम में हमले हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा में वे 240 किलोग्राम आरडीएक्स (विस्फोटक पदार्थ) लेकर आए, हमारे पास कोई जवाब नहीं है। हर बार जब कोई हमला होता है, तो आप कहते हैं कि यह दोबारा नहीं होगा, लेकिन विश्वगुरु ने क्या सीखा? जब ‘रॉ’ (भारत की गुप्तचर एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) और ‘आईबी’ (इंटेलीजेंस ब्यूरो) ने कहा था कि संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं और आतंकवादी ‘रेकी’ कर रहे हैं, सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की? किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया…।’’
उन्होंने सवाल किया कि देश के लोगों की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है, आप (केंद्र) नाकाम क्यों हुए, आपने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया लेकिन बजट में कटौती कर दी।
उन्होंने जम्मू कश्मीर के पर्यटन पर निर्भर रहने का हवाला देते हुए कहा कि पहलगाम हमले के बाद होटलों के 13 लाख बुकिंग रद्द हो गए।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का दो देशों ने समर्थन किया, लेकिन ‘‘हमारे समर्थन में क्या कोई देश खुलकर सामने आया और हमारा समर्थन किया?’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी यह कैसी विदेश नीति है कि हमारा ऐसा कोई दोस्त नहीं है, जो खुलकर सामने आये और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश (पाकिस्तान) की निंदा करे। क्या आप कूटनीति में नाकाम हो गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार एक ‘एक्सटेंशन’ सरकार है क्योंकि सभी अधिकारी एक्सटेंशन पर नियुक्त अधिकारी हैं, चाहे वह रॉ, आईबी, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) हो, सब (में शीर्ष अधिकारी) एक्सटेंशन पर हैं।’’
भाषा सुभाष सुरेश
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