दुर्ग, 29 जुलाई (भाषा) केरल से छत्तीसगढ़ पहुंचे कांग्रेस पार्टी और अन्य दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य के दुर्ग जिले के केंद्रीय जेल का दौरा किया और दो कैथोलिक ननों से मुलाकात की।
ननों को मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में रखा गया है।
रेलवे पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया था कि बजरंग दल के एक स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर नन प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नामक एक तीसरे व्यक्ति को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।
बजरंग दल के पदाधिकारियों ने ननों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।
दुर्ग जेल में ननों से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में केरल से लोकसभा सदस्य – कांग्रेस के बैन्नी बेहनन, आरएसपी से एन के प्रेमचंद्रन और केरल कांग्रेस से के. फ्रांसिस जॉर्ज और कांग्रेस विधायक रोजी एम जॉन तथा कांग्रेस के अन्य नेता शामिल थे।
जेल परिसर के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए, एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि गिरफ्तार दोनों नन निर्दोष हैं और वे तीनों युवतियों को नौकरी दिलाने के लिए रेलवे स्टेशन लेकर आई थीं।
प्रेमचंद्रन ने कहा, ”हमें गिरफ्तार ननों से मिलने के लिए 12.30 बजे का समय दिया गया था, लेकिन बाद में हमें मिलने नहीं दिया गया क्योंकि केरल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया था। भाजपा प्रतिनिधिमंडल के उनसे मिलने के बाद, हमें मिलने की अनुमति दी गई। हमने जेल के बाहर धरना दिया।”
उन्होंने बताया, ”इस बीच, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी हस्तक्षेप किया और हमें दोपहर दो बजे के बाद उनसे मिलने की अनुमति दी गई।”
प्रेमचंद्रन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने गिरफ्तार ननों के साथ विस्तृत चर्चा की और ”उन्होंने हमें वह सब कुछ बताया जिसका यहां मैं खुलासा नहीं करूंगा।”
उन्होंने कहा, ”वे (नन) बहुत मासूम हैं। तीन युवतियों (मामले की पीड़ित) को नौकरी के लिए ले जाया जा रहा था और नन उन्हें रेलवे स्टेशन पर लेने आई थीं। तभी बजरंग दल के कुछ पदाधिकारी वहां पहुंचे और उन पर हमला कर दिया।”
भूपेश बघेल ने भाजपा पर बहुसंख्यकों के वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
साय ने कहा, ”नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग का प्रशिक्षण दिलाने और उसके पश्चात नौकरी दिलाने का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक व्यक्ति के द्वारा उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननों को सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा उन बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था। इसमें प्रलोभन के माध्यम से मानव तस्करी करके धर्मांतरण किए जाने की कोशिश की जा रही थी। यह महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित गंभीर मामला है। इस मामले में अभी जांच जारी है। इस प्रकरण में कानून अपने हिसाब से काम करेगा। छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है जहां सभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं। हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
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