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Wednesday, July 30, 2025

डीसीजीआई ने ‘रेनिटिडिन’ में संभावित कैंसरकारी रसायन की मौजूदगी की निगरानी के निर्देश दिए

Newsडीसीजीआई ने ‘रेनिटिडिन’ में संभावित कैंसरकारी रसायन की मौजूदगी की निगरानी के निर्देश दिए

नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) औषधि नियामक डीसीजीआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विनिर्माताओं को पेट में ‘एसिड’ को कम करने वाली दवा ‘रेनिटिडिन’ में संभावित कैंसरकारी रसायन – एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन – की मौजूदगी की निगरानी करने का निर्देश देने को कहा है।

‘रेनिटिडिन’ का उपयोग पेट में बनने वाले ‘एसिड’ की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है, तथा ‘एसिड रिफ्लक्स’ और पेट या आंतों के अल्सर के उपचार में भी इसका उपयोग किया जाता है।

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 24 जुलाई को एक पत्र में कहा कि एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन (एनडीएमए) की उपस्थिति के कारण ‘रेनिटिडिन’ दवा की सुरक्षा से संबंधित मुद्दा काफी समय से विचाराधीन है और समय-समय पर विभिन्न उपाय किए गए हैं।

पत्र में कहा गया है कि पिछले वर्ष दिसंबर में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी और विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट इस वर्ष अप्रैल में औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) की 92वीं बैठक में रखी गई थी।

पत्र में कहा गया है कि डीटीएबी ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सिफारिश की है कि एक बड़ी समिति गठित करने की आवश्यकता है जो ‘रैनिटिडीन’ के भंडारण की स्थिति सहित सभी पहलुओं पर विचार करेगी।

साथ ही यह सुझाव दिया गया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एनडीएमए की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए ‘रेनिटिडिन’ दवा की सुरक्षा का आकलन करने के लिए एक अध्ययन कर सकती है।

पत्र में कहा गया है कि निर्माताओं को एपीआई/फॉर्मूलेशन में एनडीएमए के स्तर की निगरानी करनी चाहिए तथा दवाई की समय अवधि (शेल्फ लाइफ) को कम करने जैसे जोखिम आधारित उपाय भी करने चाहिए।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

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