नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र पर पहलगाम हमले के बाद चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को ‘ईंट का जवाब पत्थर से’ न देने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का मौका चूक गई।
तृणमूल कांग्रेस की सयानी घोष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में विशेष चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि इस अभियान से देश की भावनाएं उफान पर थीं, लेकिन एक फैसले (संघर्ष विराम) ने सब पर पानी फेर दिया।
घोष ने कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर हमारी बहनों के सुहाग छीने और सरकार ने इसका बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद भावनाएं हिलोरें मार रही थीं, लेकिन एक फैसले ने सब पर पानी फेर दिया।’’
घोष ने कहा कि देश को यह उम्मीद थी कि पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा, लेकिन ईंट का जवाब ईंट से ही दिया गया, पत्थर से नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह बताने का समय था कि उसके झंडे में चांद है, लेकिन हमारा झंडा चांद पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके यहां (पाकिस्तान में) एक किलो आटे के लिए आपस में लड़ाई होती है, जबकि हमारे यहां गुरुद्वारे में पूड़ी और हलवा बांटा जाता है।’’
परीक्षा में पेंसिल टूटने जैसी बातों को नजरंदाज करके इसके परिणाम की समीक्षा करने संबंधी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को लेकर कटाक्ष करते हुए तृणमूल सांसद ने कहा कि परीक्षा का परिणाम जो भी हुआ हो, लेकिन ‘पेपर लीक’ करा दिया गया।
उनका इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर था, जिन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का श्रेय लिया था और अब भी वह गाहे-बगाहे यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने ही दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्धविराम कराया था।
घोष ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया यदि किसी ने सरकार की हां में हां मिला लिया तो वह देशभक्त और यदि कोई सवाल पूछ ले तो वह देशद्रोही करार दिया जाता है।
भाषा सुरेश वैभव
वैभव