नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को चीन को ‘‘राक्षस’’ करार देते हुए कहा कि भारत को इस पड़ोसी देश से उतना ही खतरा है जितना कि आतंकवाद से है और वह ‘‘हमारी जमीन एवं बाजार’’, दोनों छीन लेगा।
उन्होंने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि अब भविष्य में कोई आतंकी घटना नहीं होगी।
सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘लोग सरकार की ओर से दिये गए आश्वासन पर वहां (पहलगाम) गये थे। लेकिन सूरक्षा में हुई चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? यह सबसे बड़ा सवाल है।’’
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को ‘‘खुफिया तंत्र की नाकामी’’ करार देते हुए सरकार से यह बताने की मांग की कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है।
अखिलेश ने उल्लेख किया कि पहलगाम से पहले पुलवामा (2019) में भी ऐसा ही हुआ था और उस समय भी खुफिया तंत्र की नाकामी की बात कही गई थी।
सपा सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा वाले दिन ही कश्मीर में ‘ऑपरेशन महादेव’ संचालित होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुठभेड़ कल (सोमवार को) ही क्यों हुई?
उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी ‘‘आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक नीतियों के लिए ‘एसआईआर’ (विशेष गहन पुनरीक्षण) जरूर करवाना चाहिए’’ क्योंकि वह हर बार यह कहकर नहीं बच सकती कि ‘‘चूक’’ हुई है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर (सरकार की ओर से) जो प्रचार किया गया, वह निंदनीय है।
अखिलेश ने कहा, ‘‘हमारा खतरा पाकिस्तान से नहीं है, बल्कि चीन से है। वह न केवल हमारी जमीन छीन रहा है, बल्कि बाजार भी छीन रहा है।’’ उन्होंने सवाल किया कि देश का क्षेत्रफल 2014 में कितना था और आज कितना है?
सपा सांसद ने कहा कि सरकार को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए वहां (चीन) से कारोबार कम करने पर फैसला करना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया कि आत्मनिर्भर बनने का नारा क्या कुछ व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें पाकिस्तान से खतरा है, तो चीन ‘राक्षस’ है। वह हमारी जमीन और बाजार, दोनों छीन लेगा।’’
अखिलेश ने संघर्ष विराम कराने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के संदर्भ में चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि सरकार संघर्ष विराम करेगी, इसका ऐलान करेगी। लेकिन मित्रता (अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ) बहुत गहरी है और इसका परिणाम यह है कि (उन्होंने) मित्र (ट्रंप) से कहा कि आप ही ऐलान कर दीजिए, हम स्वीकार कर लेंगे।’’
उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार किस दबाव में आकर सरकार यह स्वीकार कर रही है। उन्होंने पूछा, ‘‘संघर्ष विराम किसके दबाव में किया गया?’’
अखिलेश ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से शोरगुल किये जाने पर कटाक्ष किया, ‘‘सीजफायर (संघर्ष विराम) आपके मंत्री जी ने नहीं किया।’’
सपा प्रमुख ने कहा कि ‘‘यह हमारी विदेश नीति का संकटकाल है। पड़ोसी देश या तो अतिक्रमण कर रहे हैं या हमारे साथ नहीं खड़े हैं। मंत्री जी (किरेन रीजीजू) का क्षेत्र बिल्कुल सीमा पर है, उनसे बेहतर कोई नहीं जानता कि पड़ोसी देश कितना अतिक्रमण कर रहा है।’’
सपा नेता ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘इधर (देश की) आजादी के अमृतकाल का ढिंढोरा पीटा जा रहा, उधर देश की अखंडता को चुनौती दी जा रही है।’’
उन्होंने पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों के साथ हुए व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह शर्मनाक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग से संपर्क किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।’’ उन्होंने भाजपा पर इस पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया।
अखिलेश ने पूर्वी लद्दाख में गलवान गतिरोध पर सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आज भी, स्थिति गलवान की घटना से पहले की तरह नहीं हुई है…।’’
उन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों का उल्लेख करते हुए सवाल किया, ‘‘जिन विमानों की नींबू और मिर्च लगाकर पूजा की गई, वे (ऑपरेशन सिंदूर के दौरान) कितने उड़े थे?’’
सपा सांसद ने दावा किया कि देश में पहली बार सुखोई, मिराज और हरक्यूलिस विमान उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने हाईवे पर उतारे थे।
उन्होंने सवाल किया कि जिस सड़क पर देश के प्रधानमंत्री हरक्यूलिस विमान से उतरे थे वह हाईवे समाजवादी पार्टी ने डिजाइन किया था लेकिन देश में ऐसी और सड़कें क्यों नहीं बन रही कि आपात स्थिति में सरकार उनका इस्तेमाल कर सके।
उन्होंने सशस्त्र बलों में भर्ती की अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार इसे वापस ले लेगी।
भाषा सुभाष वैभव
वैभव