नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शहर में 2020 के सांप्रदायिक दंगों के पीछे साजिश के मामले में एक आरोपी को 15 दिन की अंतरिम जमानत दी है।
अदालत ने आरोपी की बेटी की बीमारी और उसके बेटे की स्कूल फीस जमा करने के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया।
हालांकि, अदालत ने यह शर्त भी लगाई है कि आरोपी सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं करेगा और न ही मीडिया से संपर्क करेगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने आरोपी तस्लीम अहमद की याचिका पर यह आदेश पारित किया। अहमद ने 15 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी।
सत्र न्यायाधीश बाजपेयी ने 28 जुलाई को अपने आदेश में कहा, ‘‘ (सत्यापन) रिपोर्ट के अनुसार, वैसे तो आवेदक (अहमद) की बेटी को छुट्टी दे दी गई है, लेकिन फिर भी, चूंकि वह हेपेटाइटिस बी से पीड़ित है, ऐसे में अदालत के अनुसार उसे सर्वोत्तम देखभाल और उपचार की आवश्यकता है तथा उसके लिए आगे के उपचार का आकलन किया जाना है और बच्चे का पिता होने के नाते, आवेदक ही इसे देखने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति है।’’
सत्र न्यायाधीश ने कहा कि अगर राहत दी जाती है, तो अहमद अपने बेटे की भविष्य की स्कूल फीस के लिए पैसे का इंतजाम करने के लिए कुछ प्रयास कर सकता है।
अदालत ने उसे 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत जमा करने पर जमानत दे दी।
अदालत ने अंतरिम राहत के लिए आरोपी पर कुछ अन्य शर्त भी लगाई हैं जिनके तहत अहमद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बाहर नहीं जा सकता, न किसी गवाह से संपर्क कर सकता है और न सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल