आगरा, 29 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की एक अदालत ने बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण के सिलसिले में गिरफ्तार चार आरोपियों की पुलिस हिरासत की अवधि मंगलवार को चार दिन के लिए बढ़ा दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि वहीं छह अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अभियोजन अधिकारी ब्रजमोहन सिंह कुशवाहा ने बताया, “आगरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मृत्युंजय श्रीवास्तव ने आयशा, रहमान कुरैशी, मोहम्मद अली और अली हसन की पुलिस हिरासत चार दिन के लिए बढ़ा दी। अन्य छह आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।”
पुलिस ने 19 जुलाई को अवैध रूप से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने बताया कि इस साल मार्च में आगरा में 33 और 18 वर्षीय दो बहनों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद मामले की जांच शुरू हुई थी तथा जांच में पता चला कि लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए कथित तौर पर मजबूर किया गया था।
उन्होंने बताया कि एक लड़की ने सोशल मीडिया मंच पर अपनी प्रोफाइल फोटो के तौर पर एके 47 राइफल लिए एक लड़की की तस्वीर भी लगाई थी।
आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया, “प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों बहनें लव जिहाद और कथित तौर पर कट्टरपंथ फैलाने वाले एक गिरोह के निशाने पर थीं।”
उन्होंने बताया, “हमें अमेरिका और कनाडा से उनके वित्तपोषण के बारे में भी सुराग मिले हैं।”
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शुरुआत में 10 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से राजस्थान से तीन, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल से दो-दो और गोवा, उत्तराखंड व दिल्ली से एक-एक व्यक्ति को पकड़ा गया था।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान आयशा (गोवा), अली हसन व ओसामा (कोलकाता), रहमान कुरैशी (आगरा), अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर), अबू रहमान (देहरादून), मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी व मोहम्मद अली (राजस्थान) और मुस्तफा (दिल्ली) के रूप में हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
भाषा सं. सलीम जितेंद्र
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