नयी दिल्ली/तिरुवनंतपुरम, 29 जुलाई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को दावा किया कि वामपंथी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार दो कैथोलिक नन से मिलने से रोक दिया गया।
माकपा महासचिव एमए बेबी ने ‘एक्स’ पर इस कदम की निंदा की और इसे सच्चाई को दबाने का प्रयास बताया।
बेबी ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में गिरफ़्तार नन से वामपंथी नेताओं को मिलने से रोकने का प्रयास सच्चाई को दबाने की एक हताश कोशिश है। हम इस तरह की टालमटोल की रणनीति से नहीं डरेंगे। हम जेल में बंद नन को न्याय दिलाने के अपने प्रयास में दृढ़ हैं।’’
माकपा ने एक बयान में दुर्ग जेल प्रशासन की कार्रवाई की निंदा की और आरोप लगाया कि नन को छत्तीसगढ़ जीआरपी द्वारा ‘‘मनगढ़ंत’’ आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पार्टी ने कहा, ‘‘पारदर्शिता, जवाबदेही और व्यक्तियों के अधिकारों को दबाने का यह प्रयास अनुचित है।’’
प्रतिनिधिमंडल में माकपा नेता वृंदा करात और सांसद के. राधाकृष्णन तथा एए रहीम, भाकपा नेता एनी राजा और सांसद पी पी सुनीर तथा केरल कांग्रेस (एम) नेता एवं सांसद जोस के मणि शामिल थे।
माकपा ने कहा कि उन्हें पहले से लिखित इजाजत लेने के बावजूद मामूली आधार पर मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया।
हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल को बुधवार को दो नन से मिलने की अनुमति दे दी गई।
माकपा ने कहा, ‘‘राजनीतिक नेताओं और जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को हिरासत में लिए गए लोगों से मिलने और उनकी स्थिति का आकलन करने की अनुमति देने से शुरू में इनकार करना, उचित प्रक्रिया और मानवाधिकारों के प्रति राज्य की चिंताजनक उपेक्षा को और अधिक रेखांकित करता है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘ऐसी कार्रवाइयां लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सीधा अपमान हैं, जिनका उद्देश्य जांच और असहमति की आवाज़ को दबाना है। यह केंद्र और राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों की तानाशाही प्रवृत्ति को रेखांकित करती हैं।’’
इस बीच, तिरुवनंतपुरम में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में बजरंग दल कार्यकर्ताओं की ‘‘फर्जी’’ शिकायत के आधार पर राज्य की कैथोलिक नन को जेल में डाल दिया गया और इस घटना से संघ परिवार का असली रंग उजागर हो गया।
उन्होंने एक बयान में कहा कि यह ईसाई समुदाय के खिलाफ संघ परिवार के अत्याचारों का नवीनतम उदाहरण भी है।
राज्य में ईसाई समुदाय के भीतर समर्थन हासिल करने की भाजपा के लंबे समय से चल रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वही लोग जो ईसाई घरों में केक लेकर जाते हैं, वे ही धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी के आरोप में नन को निशाना बनाते हैं।
विजयन ने आरोप लगाया, ‘‘संघ परिवार देश के बहुलतावाद और सह-अस्तित्व से डरता है। इसीलिए अल्पसंख्यकों पर हमले जारी हैं।’’
छत्तीसगढ़ में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि बजरंग दल के एक स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत के बाद तीनों को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। शिकायत में तीनों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराने और उनकी तस्करी करने की कोशिश का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान सुकमन मंडावी और नन प्रीति मेरी तथा वंदना फ्रांसिस के रूप में हुई है।
दोनों नन केरल की रहने वाली हैं।
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नोमान नेत्रपाल
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