धर्मस्थल, 29 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के धर्मस्थल में सामूहिक रूप से शवों दफनाने के गंभीर आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने संदिग्ध मानव अवशेषों का पता लगाने के लिए मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच यहां नेत्रवती स्नान घाट के पास एक वन क्षेत्र में खुदाई शुरू की। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह अभियान शिकायतकर्ता की मौजूदगी में शुरू किया गया, जिसने पहले कुछ खास स्थानों का खुलासा किया था, जहां कथित तौर पर अवैध रूप से मानव अवशेष दफनाए गए थे।
पुलिस ने बताया कि केएमसी (कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज) अस्पताल, मंगलुरु के फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. जगदीश राव और डॉ. रश्मि, कंकाल अवशेषों की वैज्ञानिक खोज के लिए टीम में शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, सोमवार को प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान इस जगह की पहचान की गई।
पुत्तूर की सहायक आयुक्त स्टेला वर्गीस की निगरानी और कई मजदूरों की मदद से टीम ने मंगलवार तड़के खुदाई का काम शुरू किया, जो दोपहर बाद तक जारी रहा।
हालांकि, जांच दल ने यह नहीं बताया कि उन्हें कोई मानव अवशेष मिले या नहीं।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (भर्ती) एम एन अनुचेथ, एसआईटी जांच अधिकारी जितेंद्र दयामा और बेल्टंगडी तहसीलदार पृथ्वी सैनिकम सहित वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद थे। राजस्व, वन, फॉरेंसिक, नक्सल-रोधी बल, आंतरिक सुरक्षा और स्थानीय पुलिस विभागों के कर्मियों ने सहायता एवं सुरक्षा प्रदान की।
गवाहों की सुरक्षा और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि फॉरेंसिक विश्लेषण के नतीजों के आधार पर आगे और खुदाई की जा सकती है।
धर्मस्थल में कथित तौर पर दो दशकों से भी अधिक समय से जारी सामूहिक हत्याकांड, यौन उत्पीड़न और शवों को दफनाने के गंभीर आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया गया था।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
नेत्रपाल