चंडीगढ़, 29 जुलाई (भाषा) राज्य में लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित हरियाणा राज्य कार्य बल (एसटीएफ) ने मंगलवार को लिंगानुपात में कमी को लेकर पांच जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अधिनियम के तहत सभी शक्तियां वापस लेने का फैसला किया।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में राज्य कार्य बल (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक में लिया गया।
बैठक में अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के प्रयासों को तेज करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
हरियाणा का लिंगानुपात इस साल एक जनवरी से 28 जुलाई तक बढ़कर 905 हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 899 था।
जहां 15 जिलों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, वहीं पांच जिलों – अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, पलवल और सिरसा में पिछले वर्ष की तुलना में लिंगानुपात में कमी देखी गई है।
राजपाल ने सख्त कदम उठाते हुए निर्देश दिया कि इन पांच जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) से पीएनडीटी अधिनियम के तहत शक्तियां वापस ले ली जाएं और उन्हें पड़ोसी जिलों के उनके समकक्षों को सौंप दिया जाए, जो तुरंत कार्यभार संभालेंगे और सुधारात्मक उपाय शुरू करेंगे।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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