मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशकों की धारणा मंद रहने से रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87 के स्तर से नीचे आ गया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि आयातकों की ओर से माह के अंत में डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी से भी स्थानीय मुद्रा पर दबाव पड़ा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया नकारात्मक रुख के साथ खुला और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 87.15 के निचले स्तर को छू गया, जो पिछले बंद भाव से 24 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
रुपया मंगलवार को चार महीने से भी अधिक के निचले स्तर पर आ गया था। यह 21 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले होकर 86.91 पर बंद हुआ।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.77 पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स शुरुआती कारोबार 126.27 अंक की बढ़त के साथ 81,464.22 अंक पर जबकि निफ्टी 45.90 अंक चढ़कर 24,867.00 अंक पर आ गया।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.59 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,636.60 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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