नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सदन में पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कदमों का जिक्र करते हुए ‘तोड़-मरोड़कर और गलत तथ्यों’ को पेश किया।
दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया कि सदन में विपक्ष के नेता की उनकी ‘आदतन लापरवाही’ के लिए निंदा की जानी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि बिरला को लिखे एक पत्र में दुबे ने उनसे राहुल गांधी को उनके ‘शंका पैदा करने वाले बयानों’ के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करने का अनुरोध किया। साथ ही, भाजपा सांसद ने सदन में इस मुद्दे को उठाने के लिए अध्यक्ष से अनुमति भी मांगी।
राहुल गांधी ने मंगलवार को सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा दिखाए गए साहस का 50 प्रतिशत भी साहस है, तो उन्हें संसद में स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झूठा दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता की थी।
राहुल ने कहा था कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने सशस्त्र बलों को पूरी तरह से आजादी दी थी, जबकि मोदी सरकार ने ‘उनके हाथ बांध दिए हैं’।
पलटवार करते हुए, दुबे ने 5 दिसंबर, 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया और दावा किया ‘‘इंदिरा गांधी ने सचमुच उनसे पाकिस्तान के साथ युद्ध रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की गुहार लगायी थी।’’
भाजपा सांसद ने अध्यक्ष को सौंपे गए अपने ज्ञापन में उस पत्र की प्रति भी संलग्न की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने एक बार फिर ‘भलीभांति अभिलेखित ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर जनता के विश्वास को बेशर्मी से तोड़ा है’ और अपने परिवार और पार्टी का महिमामंडन करने की उनकी ‘आदत’ बन गई है।
दुबे ने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने यहां तक कह दिया कि इंदिरा गांधी ने अमेरिका के कूटनीतिक, राजनीतिक और कई अन्य रणनीतिक दबावों के बावजूद बहादुरी से युद्ध लड़ा, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
भाजपा सदस्य ने कहा कि वह यहीं नहीं रुके और ‘चालाकी’ से इसे ऑपरेशन सिंदूर से जोड़कर वर्तमान सरकार को भी घेरने का प्रयास किया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी अब अफवाह फैलाने और अड़ियल व्यवहार के अवतार बन गए हैं।’’ उन्होंने उन पर न केवल सदन में, बल्कि विभिन्न अदालतों में भी ‘लगातार असत्य’ बोलने और ‘ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने’ का आरोप लगाया।
दुबे ने कहा, ‘‘यह हमारे सदन और हमारे जीवंत लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है कि राहुल गांधी ने तोड़-मरोड़ कर और गलत तथ्य पेश करके विपक्ष के नेता के प्रतिष्ठित पद की गरिमा को गिराया है।’’
उन्होंने कहा कि यह लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशों का सीधा उल्लंघन है।
भाषा वैभव माधव
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