मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 144 अंक मजबूत बंद हुआ। वहीं एनएसई निफ्टी 34 अंक के लाभ में रहा। मुख्य रूप से लॉर्सन एंड टुब्रो के शेयर में भारी लिवाली से बाजार में तेजी आई।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 143.91 अंक यानी 0.18 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,481.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 281.01 अंक तक चढ़ गया था।
पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 33.95 अंक यानी 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,855.05 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी ने बाजार की तेजी पर अंकुश लगाया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में, लार्सन एंड टुब्रो में 4.87 प्रतिशत की तेजी आई। इसका कारण बुनियादी ढांचा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के शुद्ध लाभ में अच्छी वृद्धि है।
जून तिमाही में विदेशी बाजार से ऑर्डर में वृद्धि के कारण कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 29.8 प्रतिशत बढ़कर 3,617.19 करोड़ रुपये रहा।
इसके अलावा, सन फार्मा, एनटीपीसी, मारुति, भारती एयरटेल, ट्रेंट और एक्सिस बैंक के शेयर भी लाभ में रहे।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), बजाज फिनसर्व और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।
टाटा मोटर्स में सबसे ज्यादा 3.47 प्रतिशत की गिरावट आई। विभिन्न रिपोर्ट में कहा गया है कि वाहन विनिर्माता कंपनी 4.5 अरब डॉलर के सौदे में इटली की कंपनी की ट्रक इकाई का अधिग्रहण करने के लिए बातचीत कर रही है।
शेयर बाजारों ने कंपनी से इन खबरों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।
लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, ‘‘इटली की एक कंपनी के अधिग्रहण से जुड़ी चिंताओं के बीच टाटा मोटर्स के शेयर में गिरावट आई है।’’
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी और मिश्रित आय के बावजूद, सीमित दायरे में कारोबार के बाद घरेलू बाजार मामूली सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘पहली तिमाही के नतीजों के आधार पर निवेशकों ने क्षेत्र विशेष के शेयरों में निवेश किया। एलएंडटी की मजबूत आय के बाद औद्योगिक क्षेत्र में तेजी आई। वाहन क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहा, जिसका मुख्य कारण शुल्क संबंधी दबाव था। निवेशक अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक पर नजर लगाये हुए हैं। इसका कारण फेडरल रिजर्व का नीतिगत दर और मुद्रास्फीति पर उसका रुख वैश्विक धारणा को प्रभावित कर सकता है।’’
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 4,636.60 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ व्यापार समझौते को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत लगभग किसी भी अन्य देश की तुलना में ज्यादा शुल्क लगाता है।
स्कॉटलैंड से वाशिंगटन लौटते समय मंगलवार को एयर फोर्स वन में यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के साथ समझौता अंतिम रूप ले चुका है, ट्रंप ने कहा, ‘‘नहीं, अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।’’
उन्होंने भारत के 20 से 25 प्रतिशत के बीच उच्च अमेरिकी शुल्क का सामना करने की तैयारी करने की खबरों से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘मुझे भी ऐसा लगता है।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘ मिले-जुले संकेतों के बीच बाजार सीमित दायरे में कारोबार करते हुए मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। स्थिर शुरुआत के बाद, निफ्टी पूरे सत्र के दौरान एक सीमित दायरे में रहा और अंततः 24,855.05 अंक पर बंद हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत पर संभावित शुल्क के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति के ताजा बयान और एक अगस्त की समयसीमा से पहले समझौते को अंतिम रूप देने में हो रही देरी से, व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता बनी है। इसके कारण धारणा कमजोर रही।’’
एशियाई बाजारों में, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहे।
यूरोपीय बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.44 प्रतिशत टूटकर 72.19 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
सेंसेक्स मंगलवार को 446.93 अंक चढ़ा था जबकि एनएसई निफ्टी 140.20 अंक के लाभ में रहा था।
भाषा रमण अजय
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