लुधियाना/होशियारपुर, 30 जुलाई (भाषा) पंजाब में किसानों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ‘भूमि पूलिंग नीति’ के खिलाफ बुधवार को कई स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला। यह मार्च संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर निकाला गया।
प्रदर्शनकारी किसानों ने इस नीति को वापस लेने की मांग करते हुए दावा किया कि यह ‘‘किसान विरोधी’’ है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि राज्य सरकार इस नीति के माध्यम से किसानों की उपजाऊ भूमि ‘‘हड़पने’’ का प्रयास कर रही है।
राजेवाल ने कहा, ‘‘यह नीति पूरी तरह किसान विरोधी है।’’
लुधियाना जिले के समराला, जोधां, कूम कलां, जगराओं और दाखा में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला।
किसान मजदूर मोर्चा ने एसकेएम के आह्वान को अपना समर्थन दिया और अमृतसर, जालंधर, मानसा, बठिंडा और संगरूर सहित कई स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला।
केएमएम नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को ‘भूमि पूलिंग नीति’ को तुरंत वापस ले लेना चाहिए, इससे पहले कि इस नीति के खिलाफ किसानों का बढ़ता गुस्सा उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दे।’’
इस संबंध में एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से वे स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि वे अपनी जमीन नहीं देंगे।
केएमएम नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च में किसानों, मजदूरों, युवाओं और महिलाओं की भागीदारी देखी गई, जो विकास के नाम पर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ एकता और प्रतिरोध का ऐतिहासिक प्रदर्शन है।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक सभी अपने गांवों, जमीन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं।
किसानों ने आरोप लगाया कि सभी मोर्चों पर ‘‘विफल’’ होने के बाद आप सरकार किसानों की जमीन ‘‘हड़पने’’ के लिए बेताब है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को कामयाब नहीं होने देंगे।
होशियारपुर में शेरगढ़ और पुरहिरन के किसानों तथा निवासियों ने इस नीति के खिलाफ विरोध मार्च निकाला।
आम आदमी पार्टी की सरकार को विपक्षी दलों और विभिन्न किसान संगठनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने इसकी ‘भूमि पूलिंग नीति’ को किसानों से उनकी जमीन छीनने की एक ‘‘लूट’’ योजना करार दिया है।
सत्तारूढ़ आप ने राज्य सरकार की नीति के खिलाफ कथित भ्रामक प्रचार करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा है और उसके नेताओं ने इसे ‘‘किसान हितैषी’’ बताया है।
पंजाब मंत्रिमंडल ने पिछले महीने ‘भूमि पूलिंग नीति’ को मंजूरी दे दी थी और कहा था कि जमीन के मालिकों से एक गज भी जमीन जबरन अधिगृहीत नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार ने कहा था कि इस नीति के तहत, मालिक को एक एकड़ जमीन के बदले में 1,000 वर्ग गज का आवासीय भूखंड और पूरी तरह से विकसित भूमि पर 200 वर्ग गज का व्यावसायिक भूखंड दिया जाएगा।
भाषा रवि कांत नेत्रपाल
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