नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय को कभी भी ‘‘प्रधान न्यायाधीश-केंद्रित अदालत’’ नहीं होना चाहिए, क्योंकि सीजेआई केवल न्यायाधीशों के बीच प्रथम हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि उन्होंने न्याय प्रशासन संस्था में ‘बार और बेंच’ को हमेशा ‘‘समान हितधारक’’ माना है। वह ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) द्वारा आयोजित एक अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे।
सीजेआई ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीशों के बीच प्रथम हैं और उच्चतम न्यायालय को कभी भी प्रधान न्यायाधीश-केंद्रित अदालत नहीं होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को सभी न्यायाधीशों और बार के सदस्यों की अदालत होना चाहिए।
सीजेआई ने कहा, ‘‘और इसलिए, मैं लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली में विश्वास करता हूं। इसलिए हम जो भी निर्णय लेते हैं, वे पूर्ण न्यायालय के निर्णय होते हैं।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पिछले कई वर्षों में, 26 मई से 11 जुलाई तक के आंशिक कार्य दिवसों के दौरान सर्वोच्च न्यायालय में सबसे अधिक मामलों का निस्तारण हुआ है।
इस वर्ष न्यायालय ने अपनी पारंपरिक ग्रीष्मकालीन छुट्टियों को ‘‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवस’’ नाम दिया है।
प्रधान न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि आप सभी और मेरे सहयोगियों के सहयोग से, पिछले कई वर्षों में आंशिक कार्य दिवसों के दौरान हमारे यहां सबसे अधिक मामलों का निस्तारण किया गया।’’
उन्होंने कहा कि बार के सदस्यों ने उन्हें हमेशा बहुत प्यार और स्नेह दिया है।
सीजेआई ने कहा, ‘‘वास्तव में, मैंने हमेशा न्याय प्रशासन संस्था में बार और बेंच को समान हितधारक माना है।’’ उन्होंने कहा कि ये न्याय प्रशासन संस्था के स्वर्णिम रथ के दो पहियों की तरह हैं।
न्यायमूर्ति गवई ने उन दिनों को भी याद किया, जब वह मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे और भवन समिति के अध्यक्ष बनने का अवसर मिलने पर उन्होंने निर्णय लिया कि जब भी नयी इमारतों का निर्माण किया जाएगा, तो बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव उन योजनाओं को अंतिम रूप देने वाली समिति का हिस्सा होंगे।
प्रधान न्यायाधीश ने बार के सदस्यों से कहा, ‘‘मैं आपसे कोई वादा नहीं करूंगा, लेकिन अपने सभी सहयोगियों की ओर से, मैं केवल यह आश्वासन दे सकता हूं कि हम सभी मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण से विचार करेंगे और हम हमेशा इस बात पर ध्यान देंगे कि बार एक समान हितधारक है।’’
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि और एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
भाषा सुभाष पारुल
पारुल