मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने सीवर सफाई को मशीनीकृत तरीके से करने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम के तहत सफाई कर्मचारियों की न्यूनतम सेवा अवधि को मौजूदा 25 वर्ष के मानदंड से घटाकर 20 वर्ष करने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को सफाई कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
इसमें कहा गया कि उन्होंने शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को न्यूनतम सेवा मानदंड में बदलाव करने के निर्देश दिए।
‘मैनहोल टू मशीनहोल’ कार्यक्रम आधुनिक वाहनों, रोबोटिक इकाइयों और स्वच्छता उपकरणों की खरीद के माध्यम से सीवरों, सेप्टिक टैंकों और जल निकासी लाइनों की मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देता है।
इस पहल का उद्देश्य सीवर सफाई में मानवीय हस्तक्षेप को कम करना है, तथा मानवशक्ति का उपयोग केवल पर्यवेक्षण कार्य के लिए किया जाएगा।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना के लिए 504 करोड़ रुपये का परिव्यय स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 2024-25 के मानसून सत्र में अनुपूरक मांग के माध्यम से 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मशीनरी और आपातकालीन वाहनों की खरीद शुरू हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि संबंधित एजेंसियां तीन साल तक इन वाहनों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगी तथा उन्हें सफाई कर्मचारियों को इन्हें चलाने का प्रशिक्षण भी देना होगा।
भाषा
देवेंद्र नेत्रपाल
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