देहरादून, 30 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में आधुनिकीकरण एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिए प्रदेश के शिक्षा विभाग ने बुधवार को उद्योगपतियों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत किए ।
यहां राजभवन में आयोजित ‘भविष्य के लिए तैयार स्कूलों के निर्माण’ कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में एमओयू पर दस्तखत किए गए।
कार्यक्रम में शिक्षा विभाग द्वारा आईजीएल, रिलैक्सो फुटवियर, कन्विजीनियस, ताज ग्रुप एवं गोंडवाना रिसर्च के साथ एमओयू दस्तखत किए गए। इन एमओयू के तहत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि के माध्यम से उद्योग स्कूलों को गोद लेकर उन्हें साधन-संपन्न बनाएंगे ।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए यह एक निर्णायक कदम है और मुख्यमंत्री धामी द्वारा शुरू की गई यह अभिनव योजना दूरगामी प्रभाव डालेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड में उद्योग जगत के साथ साझेदारी से शिक्षा व्यवस्था में एक नयी ऊर्जा का संचार होगा और इसके ऐतिहासिक परिणाम सामने आएंगे।’’
राज्यपाल ने कहा कि कॉरपोरेट समूहों द्वारा राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को गोद लिया जाना एक व्यावहारिक और दूरदर्शी निर्णय है जिससे आधारभूत ढ़ांचों में सुधार, डिजिटल शिक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं सुदृढ़ होंगी।
राज्यपाल ने इस बात की सराहना की कि इस पहल में पर्वतीय क्षेत्रों के विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई है जिससे दुर्गम इलाकों के बच्चों को भी समान अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 550 सरकारी विद्यालयों को देश के प्रतिष्ठित उद्योग समूहों और प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा गोद लिए जाने को शैक्षणिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक निर्णय बताया और कहा कि यह प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि इसके तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री, स्वच्छ शौचालय, कंप्यूटर लैब जैसी आधुनिक सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने 294 उद्योगपतियों से बात की जिसमें से 280 उद्योगपतियों ने विद्यालयों को गोद लेने पर हामी भरी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विधायकों द्वारा भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों के एक-एक विद्यालय के लिए अवस्थापना सुविधाओं में सहयोग के लिए आश्वासन दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि स्कूल के पूर्व छात्र भी स्कूलों को गोद लेने के इच्छुक हैं और इसके लिए जल्द ही मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाएगी।
उन्होंने देश-विदेश में रह रहे समृद्ध और संपन्न प्रवासी उत्तराखंडियों से भी इस पहल में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह पहल उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगी।
भाषा दीप्ति
जितेंद्र नेत्रपाल
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