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Friday, August 1, 2025

विपक्ष एसआईआर पर चर्चा की मांग पर कायम : एक बार के स्थगन के बाद रास दो बजे तक स्थगित

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( तस्वीर सहित )

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल पाए।

सुबह एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा की अपनी मांग दोहराई और हंगामा करने लगे। पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की।

विपक्ष इस साल के आखिर में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण किए जाने की कवायद को रोकने की मांग कर रहा है। इस मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र में अब तक उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल एक बार भी नहीं हो पाया है।

तिवाड़ी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। इस बीच कुछ सदस्य नारे लगाते हुए आसन के समीप आ गए। हंगामे के चलते पीठासीन अध्यक्ष तिवाड़ी ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के सिर्फ तीन मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उपसभापति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच साझेदारी के तहत बुधवार को जीएसएलवी रॉकेट से ‘निसार’ उपग्रह को कक्षा में स्थापित किये जाने का जिक्र किया।

उपसभापति ने इसरो से संबद्ध वैज्ञानिकों, अधिकारियों और अन्य सभी लोगों तथा नासा की समन्वय टीम को अपनी, सदन की और पूरे देश की ओर से बधाई दी।

इसके बाद हरिवंश ने सदस्यों ने शून्यकाल तथा प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा कि सत्र की शुरूआत से गतिरोध के कारण करीब 30 घंटे का समय बर्बाद हो चुका है।

उन्होंने कहा कि हमें यह आत्मावलोकन करना होगा कि संसद को लेकर हमने जो संकल्प लिया था, क्या उस संकल्प को हम पूरा कर पा रहे हैं?

उन्होंने बताया कि उन्हें 28 नोटिस नियम 267 के तहत मिले हैं जिनमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण, ओडिशा में महिलाओं और बच्चों के कथित उत्पीड़न, बंगाली कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित दुर्व्यवहार, छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 फीसदी कर और जुर्माने के दुष्प्रभाव तथा उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के मुद्दे पर नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की गई है।

उपसभापति ने कहा कि ये नोटिस आसन द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा करने लगे।

द्रमुक के तिरुचि शिवा ने आसन की अनुमति मिलने के बाद कहा कि यह सही है कि सदन का समय बर्बाद हुआ है लेकिन सदन चलाना केवल विपक्ष की ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष की भी जिम्मेदारी है।

उन्होंने एसआईआर के मुद्दे को अहम बताते हुए कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दिन और समय तय कर दिया जाए। इस पर हरिवंश ने कहा कि यह सत्ता पक्ष और विपक्ष बैठकर तय करें।

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि नियम 267 के तहत जो नोटिस दिए गए, वे सभी विपक्षी दलों की ओर से दिए गए हैं और विपक्ष की ही बात सुनी नहीं जा रही है।

बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि ओडिशा में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ निरंतर अपराध हो रहे हैं।

माकपा के जॉन ब्रिटॉस ने कहा कि देश में चुनाव लगातार होते रहते हैं और इस बार होना नयी बात नहीं है, लेकिन इस बार बिहार चुनाव से पहले एसआईआर की कवायद हो रही है।

हरिवंश ने उन्हें आगे बोलने की अनुमति नहीं दी और शून्यकाल के तहत नियत मुद्दा उठाने के लिए द्रमुक के पी विल्सन का नाम पुकारा। विल्सन अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया।

हरिवंश ने सदस्यों से अपील की कि वे सदन को सुचारु रूप से चलने दें ताकि शून्यकाल के दौरान सांसद अपने मुद्दे उठा सकें। लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने 11 बजकर 15 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया।

भाषा मनीषा वैभव

वैभव

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