25.4 C
Jaipur
Friday, August 1, 2025

भारतीय आयातकों ने आगामी त्यौहारों से पहले बढ़ाई पाम तेल की खरीदारी

Newsभारतीय आयातकों ने आगामी त्यौहारों से पहले बढ़ाई पाम तेल की खरीदारी

(लक्ष्मी देवी ऐरे)

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) भारतीय वनस्पति तेल आयातक आगामी त्योहारों से पहले पाम तेल की खरीद बढ़ा रहे हैं क्योंकि वैश्विक कीमतों में गिरावट से त्योहारी अवधि में अपेक्षित मांग में वृद्धि को पूरा करना लागत प्रभावी हो गया है।

भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) के अध्यक्ष सुधाकर देसाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में बताया कि कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है। अन्यथा कीमतें अधिक होतीं।

उन्होंने कहा कि शुल्क में कटौती का असर खुले तेलों के दाम पर दो दिन के भीतर दिखने लगा लेकिन ‘पैक्ड’ तेलों पर इसका असर दिखने में 25 दिन तक का समय लगता है।

देसाई ने कहा कि आईवीपीए वनस्पति तेल क्षेत्र पर सरकार द्वारा जल्द ही अधिसूचित किए जाने वाले नए नियमों का स्वागत करता है।

असंगठित क्षेत्र के विपरीत, संगठित क्षेत्र को इसे लागू करने में कोई समस्या नहीं होगी।

देसाई ने कहा, ‘‘ तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जुलाई में हमें अच्छा आयात देखने को मिल रहा है। लोग त्योहारों से पहले खरीदारी कर रहे हैं। पिछले तीन महीनों में मांग ठंडी थी और अब त्योहारों की मांग से इसमें तेजी आई है।’’

सितंबर में शुरू हो रही दुर्गा पूजा और उसके साथ अन्य प्रमुख त्योहारों के आने से खाद्य तेल की खपत आम तौर पर बढ़ जाती है। इस दौरान घरों में पकवान और मिठाई अधिक बनाई जाती है जिससे घरेलू बाजार के लिए किफायती पाम तेल का आयात महत्वपूर्ण हो जाता है।

खाद्य तेल के आयात में पिछले छह महीनों में करीब एक लाख टन की गिरावट आई है, लेकिन अगले छह महीनों में इसमें सुधार होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर खाद्य तेल का आयात कमोबेश पिछले साल के बराबर ही रहेगा।’’

भारत ने 2023-24 के तेल वर्ष के दौरान 1.6 करोड़ टन आयात किया।

जैव ईंधन उत्पादन वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक बन गया है। वैश्विक उत्पादन का 21 प्रतिशत अब अमेरिका, ब्राजील और इंडोनेशिया सहित शीर्ष उत्पादक देशों में जैव ईंधन के उपयोग की ओर मोड़ दिया गया है।

इंडोनेशिया के संभावित बी50 बायोडीजल अधिदेश के कारण ईंधन उत्पादन के लिए सालाना 1.5-1.6 करोड़ टन अतिरिक्त पाम ऑयल की खपत हो सकती है जिससे खाद्य आपूर्ति और भी कम हो जाएगी।

देसाई ने इस बात पर जोर दिया कि उत्पादक देशों के नीतिगत फैसले भारत की आयात लागत को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ जैव ईंधन का आकार कीमतों को नियंत्रित करता रहता है।’’

भाषा निहारिका नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles