मुंबई। Malegaon Blast Case: अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में बनी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्य प्रदेश के चंबल अंचल की रहने वाली हैं। उनका जन्म भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। वे भिंड के लाहार कॉलेज से पढ़ी हुई हैं। राजनीति में सक्रिय होने से पहले वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी रहीं।
साध्वी ने 2019 में भोपाल लोकसभा से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा। यहां उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराया था। दिग्विजय सिंह को 3 लाख से अधिक वोटों से हराने के बाद प्रज्ञा हिंदुत्व के बड़े चेहरे के रूप में उभरीं।
हमें आतंकवादी बना दिया
17 के लंबे इंतजार के बीच बाइज्जत बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में भावुक हुईं। उनका कोर्ट में दिया गया एक बयान सामने आया है। जिस में कोर्ट में रोते हुए कह रही है कि 17 साल तक मैंने संघर्ष किया। मुझे 13 दिन तक टॉर्चर किया गया। एक साध्वी को आतंकवादी बना दिया गया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कानून में रहते हुए हमारे साथ गलत किया, उनके खिलाफ भी बोल नहीं सकती।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि यह मामला 29 सितंबर 2008 का है। जब सभी लोग रमजान का महीना व नवरात्रि के त्योहार की तैयारियों में व्यस्त थे। रात करीब 9 बजे के समय बम ब्लास्ट हुआ। चारों तरफ धुआं और लोगों की चीखों की आवाज सुनाई देनी लगी। 6 लोगों की मौके पर ही मौत और 100 अधिक लोग घायल हो गए थे।
साध्वी ने कोर्ट से कहा, ‘भगवा को कलंकित किया गया। आप के फैसले खुश हुई अपने मेरे दुख दर्द को समझा। ये केस मैंने नहीं जीता, ये भगवा की जीत हुई है। हिंदुत्व की विजय हुई, मेरा जीवन सार्थक हो गया। उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने हिंदू आतंकवाद कहा, भगवा आतंकवाद कहा, उनको दंड मिलेगा।
क्या कहा कोर्ट ने
17 के लंबे इंतजार के बाद एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला सुना दिया है। इस फैसले में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपियों पर यूएपीए नहीं लगाया जा सकता। इस केस की जांच 3-4 एजेंसियां कर रही थीं।
सात आरोपियों के खिलाफ फैसला सुरक्षित
अदालत ने सुनावाई के बाद 19 अप्रैल को सभी सात आरोपियों के खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया था।इसके बाद 8 मई फैसला सुनाने की तारीख तय की गई थी। सभी आरोपियों को इस दिन पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन फिर कोर्ट ने 31 जुलाई फैसला सुनाने की तिथि तय कर दी थी। इस मामले में सात लोग, जिनमें लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय शामिल हैं।
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