नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में सुधार एक सतत और विकासमूलक प्रक्रिया है तथा सरकार समय-समय पर शासन की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ सामाजिक गतिशीलता पर गौर करने के लिए यह कवायद करती है ताकि इसे अधिक समावेशी बनाया जा सके।
सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा नियमों के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि यूपीएससी, संबंधित सेवाओं के कैडर नियंत्रण प्राधिकरणों (सीसीए) और अन्य मंत्रालयों/विभागों सहित विभिन्न हितधारकों के परामर्श से डीओपीटी संबंधित नियमों को अंतिम रूप देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘सीएसई में सुधार एक सतत और विकासमूलक प्रक्रिया है। शासन की आवश्यकताओं की पूर्ति करने तथा सामाजिक गतिशीलता पर ध्यान देने के लिए सरकार, परीक्षा प्रक्रिया की प्रभावोत्पादकता बढ़ाने हेतु समय-समय पर ऐसी कवायद करती है ताकि इसे अधिकाधिक समावेशी बनाया जा सके।’’
मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या सरकार को सिविल सेवा परीक्षाओं में सुधारों की आवश्यकता के बारे में सुझाव या अभ्यावेदन मिले हैं।
भाषा अविनाश मनीषा
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