जैसलमेर (राजस्थान), 31 जुलाई — जैसलमेर जिले के पूनमनगर गांव में सोमवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। 7 वर्षीय अरबाज की स्कूल गेट गिरने से मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि लोहे का भारी गेट और उसके साथ जुड़ा पत्थर का पिलर गिरते ही अरबाज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्ची और एक शिक्षिका घायल हो गईं।
बेसुध मां, टूट चुका परिवार
अरबाज की मां खेतु, जो पहले ही अपने पति को कोरोना काल में खो चुकी हैं, इस हादसे के बाद सदमे में हैं। दो दिन से अस्पताल में भर्ती हैं और बेटे के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सकीं। जब भी होश आता है, बस एक ही नाम लेती हैं — “म्हारो छोरो… अरबाज…” और फिर बेसुध हो जाती हैं।
टूटा गेट, टूटी जिम्मेदारी
परिवार के अनुसार, स्कूल का गेट पिछले एक साल से टूटा हुआ था, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। हादसे के बाद ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है — क्या एक मासूम की जान जाने के बाद ही सिस्टम जागेगा?
गरीबी में जीता परिवार, चंदे से चला घर
अरबाज की मां खेतु मजदूरी करके अपने बच्चों को पढ़ा रही थीं। पिता तालब खान, जो एक लोक कलाकार थे, की मौत तीन साल पहले कोविड-19 में हुई थी। मुआवजा अब तक नहीं मिला। गांव वालों ने चंदा कर परिवार की मदद की। चार बच्चों में अरबाज सबसे छोटा था। मां का सपना था — “म्हारो छोरो अफसर बनेगो।” लेकिन अब वो सपना, मां की आंखों के साथ ही बुझ गया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई की चेतावनी
जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा कि जो भी इस लापरवाही का जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इस घटना को “सिस्टम द्वारा की गई हत्या” करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि अरबाज को न्याय नहीं मिला, तो वे “यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे।”
क्या यह सिर्फ हादसा था या एक लापरवाही से की गई हत्या?
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क्या एक टूटा गेट समय पर ठीक नहीं कराया जा सकता था?
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क्यों इस गरीब परिवार को कोविड-19 मुआवजा अब तक नहीं मिला?
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क्या शिक्षा मंत्री और प्रशासन अरबाज की मौत की नैतिक जिम्मेदारी लेंगे?
मांगें और ज़रूरी कदम:
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अरबाज के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता और सरकारी मुआवजा।
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कोविड मृतक पेंशन योजना के तहत लंबित मुआवजे का तत्काल भुगतान।
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राज्य भर के सभी स्कूलों में संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट और मरम्मत अभियान।
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घटना की न्यायिक जांच और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी।
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