(तस्वीर के साथ)
देवघर, 31 जुलाई (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को चिकित्सा जगत से आग्रह किया कि वे उपचार और निदान में तो पेशेवर रवैया अपनाएं, लेकिन व्यवहार में नहीं। व्यवहार के मामले में उन्होंने चिकित्सकों से उन लोगों के प्रति संवेदनशील होने का भी आग्रह किया जो डॉक्टर को ईश्वर मानते हैं।
मुर्मू ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), देवघर के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘निदान और शल्य चिकित्सा में पेशेवर रवैया अपनाएं, लेकिन व्यवहार में नहीं। लोगों के प्रति संवेदनशील रहें क्योंकि वे आपको भगवान मानते हैं। नैतिक मूल्यों, करुणा और दान का पालन करके डॉक्टर लोगों के जीवन से अंधकार को दूर कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए सक्षमता केंद्र के रूप में, एम्स देवघर को मौजूदा पांच गांवों के अलावा और अधिक गांवों को गोद लेना चाहिए और खुद को एक आदर्श के रूप में पेश करने का प्रयास करना चाहिए।’’
मुर्मू ने कहा कि इन परिस्थितियों में डॉक्टरों को समाज की सेवा के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए। उन्होंने ड्रोन के माध्यम से दूर-दराज के आदिवासी क्षेत्रों में विष-रोधी दवाएं भेजने के लिए एम्स देवघर की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका इस संस्थान से विशेष जुड़ाव है, क्योंकि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी, तब वह झारखंड की राज्यपाल थीं।
इस समारोह में मुर्मू मुख्य अतिथि रहीं और राज्यपाल संतोष गंगवार, सांसद निशिकांत दुबे और मंत्री दीपिका पांडे सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर मुर्मू यहां पहुंचीं।
संस्थान में एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई पूरी हो गई है, जिन्हें 2019 में प्रवेश दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 मई 2018 को 1,103 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस संस्थान की आधारशिला रखी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 12 जुलाई 2022 को शहर के दौरे के दौरान एम्स-देवघर में अंत: रोगी विभाग और ऑपरेशन थियेटर को देश को समर्पित किया था।
राष्ट्रपति मुर्मू अब शुक्रवार को आईआईटी (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में भी शिरकत करेंगी।
भाषा शफीक देवेंद्र
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