(माइकल एच. लिम और बेन जे. स्मिथ, सिडनी यूनिवर्सिटी)
सिडनी, 31 जुलाई (द कन्वरसेशन) अकेलापन एक ऐसा शब्द है जिसे अक्सर युवाओं से नहीं जोड़ा जाता। हम अपनी युवावस्था को परिवार, दोस्तों के साथ बिताए गए समय और स्कूल व काम की गतिविधियों में व्यस्त रहने के रूप में देखते हैं। हालांकि अकेलापन एक ऐसा अनुभव है जिसे हम शायद ज्यादातर बुज़ुर्गों के साथ जोड़ते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के युवाओं में अकेलेपन पर एक नयी रिपोर्ट में हमने पाया कि 15 से 25 वर्ष की आयु के 43 प्रतिशत लोग अकेलापन महसूस करते हैं, या यूं कहें कि हर पांच में से दो युवा अकेलेपन का शिकार हैं।
पूछे जाने पर चार में से एक व्यक्ति ने अकेलापन महसूस किया, जबकि सात में से एक व्यक्ति ने कम से कम दो वर्षों तक अकेलापन महसूस किया था (जिसे हम लगातार अकेलापन कहते हैं)।
इस रिपोर्ट में हमने 2022-23 के ऑस्ट्रेलिया में घरेलू, आय और श्रम गतिशीलता सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इससे हमें यह समझने में मदद मिली कि किस तरह के कारक युवाओं में अकेलेपन के जोखिम को बढ़ाते हैं।
हमने पाया कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब होने के कारण युवाओं में लगातार अकेलेपन की संभावना दोगुनी या फिर उससे भी अधिक हो सकती है।
सामाजिक-आर्थिक और व्यवहारगत कारक भी इसके लिए भूमिका निभाते हैं।
चिंता की बात यह है कि लगातार अकेलापन महसूस करने वाले युवा में मानसिक तनाव से पीड़ित होने के आसार सात गुना तक बढ़ जाते हैं।
लेकिन युवाओं में अकेलेपन को सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य की समस्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। शोध बताते हैं कि इससे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि अकेलापन 22 साल की उम्र तक के वयस्कों में संवहनी शिथिलता (धमनियों में कार्यात्मक परिवर्तन) के शुरुआती लक्षणों से जुड़ा है।
—-क्यों होता है अकेलापन? —–
आंकड़ों का विश्लेषण करने के साथ ही हमने विभिन्न पृष्ठभूमियों के 16 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं का साक्षात्कार भी लिया। इन युवाओं से पूछा गया कि उन्हें स्वस्थ सामाजिक रिश्ते बनाने में क्या चीज मदद करती है और कौन सी बात इसमें बाधा डालती है।
उन्होंने जिन बातों पर जोर दिया, उनमें से एक सुरक्षित सामाजिक स्थान की जरूरत थी।
मेट्रो न्यू साउथ वेल्स के करीब 25 साल के एक पुरुष प्रतिभागी ने कहा: ‘‘व्याख्यान के बाद अगर किसी को भूख लगती है, तो आप साथ में खाना खाने जाते हैं। हम लगभग हर व्याख्यान के बाद किसी रेस्तरां में जाते थे। कुछ बातें करते या चर्चा करते थे, जिससे हमें एक-दूसरे से घुलने-मिलने और एक अच्छी दोस्ती बनाने की दिशा में अगला कदम उठाने का अतिरिक्त अवसर मिलता था।’’
..तो हम क्या करें?
अकेलेपन को लंबे समय से एक व्यक्तिगत मुद्दा माना जाता रहा है, लेकिन यह बात स्पष्ट होती जा रही है कि हमें अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा और इसमें समुदाय-व्यापी तथा प्रणालीगत समाधान शामिल करने होंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामाजिक संपर्क आयोग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अकेलेपन को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक, सामुदायिक और आर्थिक मुद्दा बताया गया है।
ऑस्ट्रेलिया में अकेलेपन के कारण होने वाला आर्थिक बोझ प्रतिवर्ष 2.7 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर है, जिसमें अस्पताल में जाने सहित स्वास्थ्य देखभाल की लागत भी शामिल है।
(द कन्वरसेशन) यासिर नरेश
नरेश
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