नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) और जुर्माना लगाने की घोषणा के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत के बीच यह सिर्फ़ एक ‘‘सौदेबाजी की रणनीति’’ हो सकती है।
थरूर ने कहा, ‘‘यह भी कहा कि अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो ‘‘हमें पीछे हटना पड़ सकता है’’।
थरूर ने अमेरिका पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह ‘‘तेल भंडार’’ विकसित करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने जा रहा है और पाकिस्तान में तेल खोजने के लिए उन्हें शुभकामनाएं हैं।
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सब (भारत और पाकिस्तान) एक समय एक देश थे। मैंने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी कि आज के पाकिस्तान में बहुत सारा तेल मिल सकता है।’’
थरूर का कहना था, ‘‘लेकिन अमेरिकी लोग (तेल) तलाशना चाहते हैं, तो उन्हें तलाशने दीजिए। हमें बॉम्बे हाई में कुछ तेल मिला था, हमें असम में भी कुछ तेल मिला था। लेकिन हम अपनी ज़रूरत का 86 प्रतिशत गैस आयात करते हैं। इसलिए हमें नहीं पता कि उन्हें (पाकिस्तान में) कितना मिलेगा।’’
तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘यह सिर्फ़ सौदेबाज़ी की रणनीति हो सकती है क्योंकि आप जानते हैं कि व्यापार वार्ता अभी भी जारी है। अगर व्यापार समझौता नहीं होता है, तो इससे निश्चित रूप से हमारे निर्यात को नुकसान होगा क्योंकि अमेरिका हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाज़ार है।’’
थरूर ने कहा कि अकेले अमेरिका को भारतीय निर्यात लगभग 90 अरब डॉलर का है और अगर इसमें भारी गिरावट आती है, तो इससे भारत को नुकसान होगा।
भाषा हक हक रंजन
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