नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में अधिक शुल्क लगाने की घोषणा के बावजूद भारतीय दूरसंचार उपकरणों का निर्यात प्रतिस्पर्धी बना रहेगा।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अब तक करीब 85,000 करोड़ रुपये के दूरसंचार उपकरणों का निर्माण हुआ है, जिनमें से 16,000 करोड़ रुपये के उपकरण विभिन्न देशों को निर्यात किए गए हैं।
कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए सिंधिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘हम प्रतिस्पर्धी बने रहेंगे।’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी उत्पादों पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही रूस से सैन्य उपकरण एवं तेल खरीदने पर अलग से जुर्माना लगाने की बात भी कही है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़े हुए शुल्क से फिलहाल लगभग दो सप्ताह की राहत मिली है क्योंकि अमेरिका में प्रौद्योगिकी उत्पादों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रावधान धारा 232 पुनर्विचार के लिए लंबित है।
एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘जब अमेरिका ने पहले 10 प्रतिशत का मूल शुल्क लगाया था, तब भी धारा 232 की समीक्षा लंबित होने के कारण प्रौद्योगिकी उत्पादों को छूट दी गई थी। अब भी यही स्थिति है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि दो सप्ताह बाद क्या होगा।’
यदि अमेरिकी सरकार को लगता है कि किसी खास तकनीक, चिप, दूरसंचार उपकरण का आयात उसकी सुरक्षा के लिए जोखिम है तो वह धारा 232 कानून के तहत अतिरिक्त शुल्क लगाने या रोक लगाने का कदम उठा सकती है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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