नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) भारत में मानसून ऋतु के दूसरे चरण (अगस्त और सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के आसपास के इलाकों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में अगस्त में सामान्य बारिश होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि सितंबर में बारिश सामान्य से अधिक होने का अनुमान है।
देश में मानसून के पहले चरण यानी जून और जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा हुई तथा विशेषकर हिमाचल प्रदेश समेत कुछ राज्यों में अचानक बाढ़ आई।
उन्होंने कहा, ‘भौगोलिक दृष्टि से, देश के ज्यादातर भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। पूर्वोत्तर के कई भागों और पूर्वी भारत के समीपवर्ती क्षेत्रों के अलावा मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पश्चिमी भागों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है।’’
देश में एक जून से 31 जुलाई तक 474.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि सामान्य आंकड़ा 445.8 मिमी है।
आईएमडी प्रमुख ने बताया कि इस दौरान देश में भारी वर्षा की 624 और अत्याधिक वर्षा की 76 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम हैं।
महापात्र ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर भारत में लगातार पांचवें साल सामान्य से कम वर्षा हुई है। पिछले 30 वर्षों में इन राज्यों में वर्षा की गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई है।’’
मई में आईएमडी ने अनुमान जताया था कि जून से सितंबर के दौरान भारत में दीर्घकालिक औसत 87 सेंटीमीटर वर्षा के 106 प्रतिशत के बराबर वर्षा हो सकती है। यह औसत पिछले 50 वर्षों पर आधारित है। 96 से 104 प्रतिशत के बीच की बारिश को सामान्य माना जाता है।
भारत में मानसून कृषि क्षेत्र की रीढ़ है जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत का योगदान करता है। इसके अलावा, यह पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जलाशयों को भरने में भी अहम भूमिका निभाता है।
भाषा राखी देवेंद्र
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