बेंगलुरु, 31 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को कथित रूप से ‘हनीट्रैप’ में फंसाने के मामले में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है लेकिन उन्होंने अभी तक इसे पढ़ा नहीं है।
यह विवाद सबसे पहले 20 मार्च को तब सामने आया था जब कांग्रेस विधायक बी एम राजन्ना ने विधानसभा में दावा किया था कि उन्हें ‘हनीट्रैप’ में फंसाने की कोशिश की गई और कम से कम 48 राजनीतिक नेता इस तरह की घटनाओं के शिकार हुए हैं।
उनके आरोपों से विधानसभा में हड़कंप मच गया था जिसके बाद गृह मंत्री परमेश्वर ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे। हालांकि, विपक्ष ने इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराने की मांग की थी।
हाल ही में सीआईडी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, “सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन मैंने अब तक उसे पढ़ा नहीं है। जब मैं उसे पढ़ लूंगा, तब आपको जानकारी दूंगा। आपने (मीडिया) यह मामला उठाया और सीआईडी ने अपना काम किया, लेकिन मैंने अब तक रिपोर्ट नहीं पढ़ी है।”
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में छिपाने लायक कुछ भी नहीं है और पढ़ने के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
इन अटकलों के बीच कि सीआईडी को आरोपों में कोई तथ्य नहीं मिला, विपक्षी भाजपा ने पूरी प्रक्रिया को दिखावा करार दिया।
विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा, “तब विधानसभा में मंत्री द्वारा दिए गए बयान का क्या महत्व है? उन्होंने सड़क पर नहीं, बल्कि सदन के भीतर गंभीर चिंता व्यक्त की थी और विपक्ष से भी मामले को उठाने का आग्रह किया था।”
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के चलते विधानसभा में भारी हंगामा हुआ था और भाजपा ने धरना प्रदर्शन किया था, जिसके कारण उसके 18 विधायक निलंबित कर दिए गए थे।
अशोक ने यह भी कहा कि राजन्ना के बेटे ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें भी ‘हनीट्रैप’ में फंसाने की कोशिश की गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया, “अब रिपोर्ट कहती है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। अगर हमें पहले से पता होता कि कांग्रेस मामले को दबा देगी, तो हम इसे विधानसभा में उठाते ही नहीं।”
भाषा राखी नेत्रपाल
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