मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) उद्योग जगत को बैंकों से दिए जाने वाले ऋण की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में घटकर 5.5 प्रतिशत रह गई जो पिछले साल की समान अवधि में 7.7 प्रतिशत थी। बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि गैर-खाद्य बैंक ऋण में सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यह आंकड़ा पिछले साल 13.8 प्रतिशत था।
ये आंकड़े 27 जून, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक के हैं। देश के 41 चुनिंदा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से आंकड़े संकलित किए गए हैं, जो कुल गैर-खाद्य ऋण का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा देते हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा कि जून तिमाही में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को बैंक ऋण की वृद्धि बनी रही। सभी तरह की इंजीनियरिंग, निर्माण और कपड़ा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ऋण वृद्धि दर तेज रही।
हालांकि, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए बैंक ऋण वृद्धि नरम पड़कर 6.8 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 17.4 प्रतिशत थी।
बैंकों से सेवा क्षेत्र को दिए जाने वाले ऋण में भी नरमी आई है और यह घटकर 9.6 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 15.1 प्रतिशत था। इसका मुख्य कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ऋण देने की दर में गिरावट है।
हालांकि, बीती तिमाही में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और पेशेवर सेवाओं को दिए गए ऋण में वृद्धि बनी रही।
व्यक्तिगत ऋण खंड की भी वृद्धि दर घटकर 14.7 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 16.6 प्रतिशत थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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