जयपुर, 31 जुलाई (भाषा) राजस्थान के सिरोही जिले की एक सत्र अदालत ने वर्ष 2018 में ‘एकल विद्यालय’ के संरक्षक अवधेशानंद महाराज की हत्या के मामले में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पूर्व प्रचारक उत्तम गिरि को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जिला न्यायाधीश रूपा गुप्ता ने गिरि (30) को अवधेशानंद महाराज की नृशंस हत्या का दोषी पाया।
अदालत के आदेश के अनुसार, मामले में सभी साक्ष्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आरोपी ने रंजिश के चलते अवधेशानंद महाराज पर चाकू से 30 से 40 बार वार कर उनकी बेरहमी से हत्या की थी।
आदेश के अनुसार, आरोपी ने जिस क्रूरता से हत्या को अंजाम दिया था, उसे देखते हुए किसी भी तरह की ढील देना उचित नहीं है।
सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने अदालत के आदेश का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “संघ के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न न्याय के साथ शुरू हो गया है। संघ कार्यालय में साधु अवधेशानंद जी की लाठी और चाकू से की गई नृशंस हत्या के मामले में जिला प्रचारक उत्तम गिरि को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।”
संयम ने कहा, “गवाहों को दबाया गया, सिरोही के कई लोगों ने इस हत्याकांड में झूठी गवाही देकर खुद को बचाने की कोशिश की। लेकिन, सत्य सूर्य के प्रकाश के समान है।”
सिरोही पुलिस ने अवधेशानंद महाराज की हत्या के सिलसिले में 2018 में गिरि के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
बजरंग दल ने आरोप लगाया था कि अवधेशानंद महाराज की हत्या की साजिश सिरोही में संघ के कुछ सदस्यों ने बनाई थी।
संघ के कुछ सदस्य इस बात से नाखुश थे कि अवधेशानंद महाराज ने अनुमति के बिना कस्बे में शाखा शुरू की थी।
भाषा कुंज जितेंद्र
जितेंद्र