नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अब तक स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाओं से प्रति वर्ष 24 अरब से अधिक चिप का उत्पादन होगा। इसके अलावा कई अन्य परियोजनाओं पर भी काम जारी है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और भारत सेमीकंडक्टर मिशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमितेश सिन्हा ने जर्मनी की शोध संस्था फ्रौनहोफर-गेसेलशाफ्ट के एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार ने छह परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा एक वेफर फैब्रिकेशन संयंत्र और पांच पैकेजिंग इकाइयां शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘टाटा फैब प्रति माह 50,000 वेफर्स का उत्पादन करेगी। अन्य पांच पैकेजिंग इकाइयां हर साल 24 अरब चिप का उत्पादन करेंगी। कई और प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जा रहा है…।’’
सिन्हा ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश बनने जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक दीर्घकालिक यात्रा के लिए यहां हैं। सेमीकंडक्टर कुछ वर्षों का कारोबार नहीं है। हम आप सभी को आश्वस्त करते हैं कि नीतियां जारी रहेंगी और पूरे परिवेश के विकास के लिए समर्थन प्रदान किया जाएगा।’’
सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर परिवेश को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है।
सिन्हा ने कहा, ‘‘दुर्लभ मृदा सामग्री और स्थायी चुंबक पुनर्चक्रण, ये सभी ऐसे क्षेत्र हैं जहां आप फ्राउनहोफर के साथ तालमेल देख सकते हैं। सेमीकंडक्टर की बात करें तो, हम देख रहे हैं कि भारत ने कुछ प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है और कई अन्य को मंजूरी देने वाला है।’’
उन्होंने जर्मन सेमीकंडक्टर कंपनियों से भारत में निर्माण गतिविधियों का समर्थन करने का अनुरोध किया।
सिन्हा ने कहा कि जर्मनी के साथ सहयोग के कई अवसर हैं क्योंकि भारत उच्च प्रौद्योगिकी अनुसंधान के क्षेत्र में प्रवेश करना चाहता है।
भाषा रमण अजय
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