बेंगलुरु, 31 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने न्यायमूर्ति एच एन नागमोहन दास आयोग द्वारा सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले राज्य में अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से सत्तारूढ़ कांग्रेस के अनुसूचित जाति के विधायकों और मंत्रियों की एक बैठक बुलाई है।
परमेश्वर ने कहा कि बैठक का उद्देश्य पार्टी में अनुसूचित जाति की विभिन्न उपजातियों के लोगों की राय जानना और यह सुनिश्चित करना है कि किसी प्रकार का भ्रम न रहे।
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग द्वारा चार अगस्त को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले दो अगस्त को होने की संभावना है।
एक प्रश्न के उत्तर में परमेश्वर ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले, हम इस पर चर्चा करना चाहते थे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई नाराज न हो या कोई भ्रम न हो, और एक-दूसरे की राय को समझा जा सके। इसलिए मैंने एक बैठक बुलाई है।’’
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और जल्द ही एक रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने की संभावना है।
पिछले साल एक अगस्त को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में कहा गया कि राज्यों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण देने में अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है।
‘एससी लेफ्ट’ जैसे अनुसूचित जातियों का एक वर्ग आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है और इसका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उपजातियां ही अधिकांश लाभ उठा रही हैं, जबकि कई समुदाय अभी भी हाशिए पर हैं। आंतरिक आरक्षण का उद्देश्य 101 अनुसूचित जातियों को दिए गए 17 प्रतिशत आरक्षण को कई भाग में विभक्त करना है।
भाषा संतोष रंजन
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