इंदौर (मध्यप्रदेश), 31 जुलाई (भाषा) इंदौर में पेट्रोल पंप संचालकों ने बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को ईंधन पंप पर पेट्रोल नहीं दिए जाने के प्रशासन के आदेश को लागू करने के लिए बृहस्पतिवार को पुलिस सुरक्षा की मांग की।
संचालकों ने आशंका जताई कि इस आदेश पर अमल के दौरान पेट्रोल पंप पर विवाद की स्थिति बन सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है कि बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को आगामी एक अगस्त से ईंधन पंप पर पेट्रोल नहीं दिया जाएगा और इसके उल्लंघन पर संबंधित पेट्रोल पंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस आदेश को लागू करने की तैयारियों में जुटे प्रशासन और यातायात पुलिस के अधिकारियों ने पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठक की।
‘इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु ने बैठक के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम जनहित में इस आदेश का आदर करते हैं लेकिन हमें इसके अमल के दौरान सुरक्षा की समस्या हो सकती है। बिना हेलमेट लगाए पेट्रोल पंप आने वाले दोपहिया वाहन चालक ईंधन नहीं दिए जाने पर हमारे कर्मचारियों के साथ बदतमीजी और विवाद कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए हर पेट्रोल पंप पर पुलिस या होमगार्ड के एक आरक्षक की तैनाती की जानी चाहिए।
यातायात पुलिस के उपायुक्त (डीसीपी) अरविंद तिवारी ने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पहने पेट्रोल पंप पर आता है और ईंधन नहीं दिए जाने को लेकर विवाद करता है, तो उसके खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि वैसे तो पेट्रोल पंप की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी खुद पेट्रोल पंप संचालकों की है, लेकिन किसी विवाद की सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस बल को पेट्रोल पंप के लिए रवाना किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और इस अदालत के पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे ने मंगलवार को एक बैठक में प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वाहन सवारों द्वारा हेलमेट और सीट बेल्ट लगाए जाने के नियम का पालन सुनिश्चित कराने के लिए शहर में सघन अभियान चलाया जाए।
उन्होंने बताया कि इन निर्देशों के अगले दिन बुधवार को प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत ‘हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं’ का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया।
इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
भाषा हर्ष जितेंद्र
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