भुवनेश्वर, 31 जुलाई (भाषा) ओडिशा में उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब यह बात सामने आई कि चीनी ई-कॉमर्स मंच ‘अलीएक्सप्रेस’ भगवान जगन्नाथ के चित्र वाले पायदान बेच रहा है।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने बृहस्पतिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और कहा कि इस कृत्य से दुनिया भर के हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
राज्य की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने भगवान जगन्नाथ के चित्र को पायदान पर छापने और उत्पाद बेचने के कृत्य को ‘‘आपत्तिजनक’’ बताते हुए इसकी आलोचना की और कंपनी से माफी मांगने को कहा।
परिदा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाप्रभु जगन्नाथ प्रत्येक ओडिया की आत्मा और भावनाओं से गहराई से जुड़े हैं। मैं चीनी ई-कॉमर्स मंच ‘अलीएक्सप्रेस’ द्वारा महाप्रभु जगन्नाथ की छवि वाले पायदान बेचने की कड़ी निंदा करती हूं। कंपनी को तुरंत इस उत्पाद की बिक्री रोकनी चाहिए और इस आपत्तिजनक कृत्य के लिए भक्तों से माफी मांगनी चाहिए।’’
वहीं, ओडिशा की कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट के जवाब में, ‘अलीएक्सप्रेस’ ने कहा कि यह उत्पाद हटा दिया गया है।
फिरदौस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘अलीएक्सप्रेस पर भगवान जगन्नाथ की पवित्र छवि वाले पायदान बेचने के ईशनिंदापूर्ण कृत्य की कड़ी भर्त्सना करती हूं। यह लाखों भक्तों का घोर अपमान है और सांस्कृतिक एवं धार्मिक भावनाओं पर गंभीर हमला है। इस उत्पाद को बिक्री से हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए।’’
मंदिर मामलों का प्रबंधन करने वाली राज्य सरकार की संस्था ने पायदान को लेकर जनता के आक्रोश के मद्देनजर पुरी के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। मंदिर प्रशासन के ओएसडी (सुरक्षा) हेमंत कुमार पाधी ने प्राथमिकी में आरोप लगाया, “टीवी चैनलों और सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से हमें पता चला कि अलीएक्सप्रेस नामक एक ऑनलाइन कंपनी श्री जगन्नाथ महाप्रभु की छवि वाले पायदान बेच रही है। सार्वभौमिक प्रेम के प्रतीक भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभु की हिंदू लोग पूजा करते हैं। यह लाखों भक्तों का अपमान है और दुनिया भर के हिंदुओं की सांस्कृतिक एवं धार्मिक भावनाओं पर एक गंभीर हमला है।”
उन्होंने कहा कि लोग पायदान पर पैर रखते हैं और भगवान जगन्नाथ की छवि वाले पायदान से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने कहा, “अतः अनुरोध है कि दोषी के विरुद्ध कानून के अनुसार उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।”
प्रख्यात रेत कलाकार और पद्मश्री से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने भी इस कृत्य की निंदा की।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल
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