नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) विपक्षी ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए कई नोटिस दिए हैं।
विपक्ष के एक नेता के अनुसार, लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव और राज्यसभा में नियम 267 के तहत बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चर्चा की मांग के लिए नोटिस दिए गए हैं।
नियम 267 राज्यसभा सदस्य को सभापति की मंजूरी से सदन के पूर्व-निर्धारित एजेंडे को निलंबित करने की विशेष शक्ति देता है। अगर किसी मुद्दे को नियम 267 के तहत स्वीकार किया जाता है तो यह दर्शाता है कि यह आज का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है।
राज्यसभा की नियम पुस्तिका में कहा गया है, ‘‘कोई भी सदस्य सभापति की सहमति से यह प्रस्ताव कर सकता है। वह प्रस्ताव ला सकता है कि उस दिन की परिषद के समक्ष सूचीबद्ध एजेंडे को निलंबित किया जाए। अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है तो विचाराधीन नियम को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाता है।’’
विपक्षी नेता ने बताया कि उन्होंने नोटिस में कहा है कि इस प्रक्रिया के लिए लोगों के लिए नागरिकता प्रमाण देना आवश्यक है, जो संविधान के विरुद्ध है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि निर्वाचन आयोग का यह कदम संसद के अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है, क्योंकि अनुच्छेद 11 संसद को कानून द्वारा नागरिकता के अधिकार को विनियमित करने का अधिकार देता है।
‘इंडिया’ गठबंधन के दल एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और उन्होंने मानसून सत्र के दौरान संसद के अंदर और बाहर बार बार विरोध प्रदर्शन भी किए हैं।
विपक्ष अगले हफ़्ते भारत निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक मार्च निकालने की भी योजना बना रहा है।
भाषा गोला मनीषा
मनीषा