(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन, एक अगस्त (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक शासकीय आदेश जारी किया है जिसमें विभिन्न देशों पर लगने वाली शुल्क की दरों का ब्योरा दिया गया है। इसके तहत भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की पुष्टि की गई है।
‘जवाबी शुल्क दरों में अतिरिक्त संशोधन’ शीर्षक वाले शासकीय आदेश में राष्ट्रपति ट्रंप ने करीब 70 देशों पर लगाए जाने वाली शुल्क दरों का ब्योरा दिया है।
शासकीय आदेश के अनुसार, भारत पर 25 प्रतिशत ‘‘जवाबी शुल्क’’ लगाया जाएगा। हालांकि आदेश में रूसी सैन्य उपकरण और ऊर्जा की खरीद के कारण भारत पर लगने वाले ‘‘जुर्माने’’ का उल्लेख नहीं है। भारत पर रूस से खरीद पर जुर्माना लगाने की घोषणा ट्रंप ने पहले की थी।
ट्रंप ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने और रूस से खरीद पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा की थी।
शासकीय आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ (एएसपीआई) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व उप अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि वेंडी कटलर ने बयान में कहा कि भारत जिसके साथ ‘‘शीघ्र समझौते होने की उम्मीद है’’ उस पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
कटलर ने कहा, ‘‘ इससे द्विपक्षीय व्यापार समझौते के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगता है। राष्ट्रपति की भारत के प्रति व्यापार और व्यापक मुद्दों पर नाराजगी उनके ‘ट्रुथ सोशल’ पर जारी बयान में भी झलकती है।’’
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि यह आदेश पारगमन में मौजूद वस्तुओं तथा सात अगस्त तक अमेरिका भेजे जाने वाले जहाज पर लदे माल के लिए छूट प्रदान करता है।
अमेरिका में पांच अक्टूबर तक उपभोग के लिए स्वीकृत माल पर भी जवाबी शुल्क नहीं लगेगा, जिससे पहले से भेजे जा चुके या इस सप्ताह भेजे जाने वाले माल के निर्यातकों को कुछ राहत मिलेगी।
कटलर ने कहा कि अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों को कार्यकारी आदेश को लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, खासकर दुनिया भर में लागू शुल्क की अलग-अलग दरों के कारण ऐसा हो सकता है। इसे लागू करने से पहले सात दिन का समय मददगार साबित होगा, लेकिन आयातकों को कुछ हद तक शुरुआती समस्याओं का सामना करना ही पडे़गा।
ट्रंप ने शासकीय आदेश में कहा कि कुछ व्यापारिक साझेदार अमेरिका के साथ सार्थक व्यापार एवं सुरक्षा प्रतिबद्धताओं पर सहमत हो गए हैं या सहमत होने की कगार पर हैं जिससे व्यापार बाधाओं को स्थायी रूप से दूर करने व आर्थिक तथा राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर अमेरिका के साथ तालमेल बैठाने के उनके ईमानदार इरादे का संकेत मिलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य व्यापारिक साझेदारों ने बातचीत में शामिल होने के बावजूद ऐसी शर्तें पेश की हैं जो मेरे विचार से हमारे व्यापारिक संबंधों में असंतुलन को पर्याप्त रूप से दूर नहीं करती हैं या आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में अमेरिका के साथ तालमेल में विफल रही हैं।’’
ट्रंप ने आदेश में कहा कि कुछ व्यापारिक साझेदार ऐसे भी हैं जो अमेरिका के साथ बातचीत करने में विफल रहे हैं या आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर अमेरिका के साथ तालमेल के लिए पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहे हैं।
संशोधित शुल्क ‘‘इस आदेश की तारीख के सात दिन बाद पूर्वी ‘डेलाइट टाइम’ देर रात 12 बजकर एक मिनट या उसके बाद उपभोग के लिए प्रवेश किए या उपभोग के लिए गोदाम से निकाले गए माल पर प्रभावी होंगे।’’
आदेश में कहा गया कि सूची में शामिल कुछ विदेशी व्यापारिक साझेदार अमेरिका के साथ सार्थक व्यापार और सुरक्षा समझौतों पर सहमत हो गए हैं या उन्हें पूरा करने की कगार पर हैं।
अमेरिका की ओर से जारी सूची में शुल्क दर 10 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक है। इसमें जापान पर 15 प्रतिशत, लाओस एवं म्यांमा पर 40-40 प्रतिशत, पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत, श्रीलंका पर 20 प्रतिशत और ब्रिटेन पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
ट्रंप ने भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की बुधवार को घोषणा की थी। इसके अलावा, ट्रंप ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी फैसला किया था।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में भारत की व्यापार नीतियों को ‘सबसे कठिन और अप्रिय’ बताया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से खरीद को लेकर ‘जुर्माना’ भी देना होगा।”
उन्होंने लिखा, ‘‘ यद्यपि भारत हमारा मित्र है, फिर भी हमने पिछले कुछ वर्ष में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है क्योंकि उनके शुल्क बहुत अधिक हैं जो विश्व में सर्वाधिक हैं। उनके यहां सबसे कठोर गैर-मौद्रिक व्यापार अवरोध हैं।’’
ट्रंप ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने हमेशा अपने सैन्य उपकरणों का बड़ा हिस्सा रूस से खरीदा है और वह चीन के साथ, रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं। वह भी ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं बंद करे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ सब कुछ ठीक नहीं है इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क के साथ-साथ जुर्माना भी देना होगा।’’
भाषा निहारिका शोभना
शोभना