जयपुर, 1 अगस्त — राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2020 की कांग्रेस में हुई बड़ी सियासी बगावत — मानेसर घटनाक्रम — पर एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हर बीती बात को याद करते रहना सही नहीं है, अब सबको मिलकर देश और लोकतंत्र के हित में आगे बढ़ना चाहिए।
हर घटनाक्रम याद रखूं तो काम कैसे करेंगे?
पत्रकारों द्वारा मानेसर प्रकरण को लेकर सवाल पूछे जाने पर गहलोत ने कहा:
अब भाई, हर घटनाक्रम को मैं याद ही रखता रहूं, तो फिर दूसरा काम कैसे करेंगे हम? हमें आगे भी तो काम करना है, तो पुरानी बातें भूलनी पड़ती हैं। सबको मिलकर आगे बढ़ना पड़ता है। देशहित में तो यही है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी और कुछ विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर के होटल में डेरा डाल दिया था। यह संकट तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बड़ी चुनौती बन गया था।
कांग्रेस को मजबूत करना सबका फर्ज़
गहलोत ने अपने बयान में संगठनात्मक एकता और राष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में कहा:
देश को ज़रूरत कांग्रेस की है। कांग्रेस को मज़बूत करना हम सबका फ़र्ज़ है। सब अपने मतभेद भूलो। कांग्रेस मज़बूत होगी, तभी देश और लोकतंत्र को बचा सकोगे।
“मैं सत्ता में रहूं या नहीं, जनता से जुड़ाव बना रहता है”
अपनी राजनीतिक शैली और जनसंपर्क पर गहलोत ने कहा:
यह मेरी फितरत में है कि जनता की सेवा करूं। चाहे सत्ता में रहा या नहीं, हमेशा जनता से संपर्क रखा है। आज भी जयपुर स्थित घर पर रोज़ 100–200 लोग आते हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि मैं उनकी बात सुनूंगा।
“कांग्रेस में कोई बेचैनी नहीं”
गहलोत ने कांग्रेस में अंतर्कलह या नेतृत्व को लेकर किसी भी तरह की बेचैनी से इनकार करते हुए कहा:
कोई बेचैनी नहीं है। क्यों बेचैन होंगे? हमारे नेता दौरे कर रहे हैं, जनता से मिल रहे हैं — इससे ज़्यादा क्या चाहिए?
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