नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने शुक्रवार को नौसेना के नये उप प्रमुख (वाइस चीफ ऑफ नवल स्टाफ) के तौर पर प्रभार संभाला। उन्हें गनरी और मिसाइल प्रणालियों का विशेषज्ञ माना जाता है।
नए पदभार को ग्रहण करने से पहले वाइस एडमिरल वात्स्यायन नयी दिल्ली स्थित एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (एचक्यू आईडीएस) तथा नौसेना मुख्यालय समेत विभिन्न महत्वपूर्ण परिचालन, स्टाफ और प्रशिक्षण नियुक्तियों को संभाल चुके हैं।
नौसेना ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन, एवीएसएम, एनएम ने एक अगस्त 2025 को नौसेना के 47वें उप प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाला।’’
इसमें कहा गया है कि भारतीय नौसेना में एक जनवरी 1988 को शामिल हुए फ्लैग ऑफिसर वात्स्यायन गनरी एवं मिसाइल प्रणालियों के विशेषज्ञ हैं।
उन्होंने वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन का स्थान लिया, जिन्होंने बृहस्पतिवार को वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह से आईएनएस शिकरा में एक औपचारिक परेड में पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
अधिकारियों ने बताया कि फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण करने पर वाइस एडमिरल स्वामीनाथन ने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाली वीरों को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में गौरव स्तंभ पर श्रद्धांजलि दी।
एक जनवरी 1987 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए फ्लैग ऑफिसर ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, ब्रिटेन के ‘जॉइंट सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज’ और अमेरिका के नवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट से शिक्षा प्राप्त की है।
अपने नौसैन्य करियर में उन्होंने कई प्रमुख परिचालन, स्टाफ और प्रशिक्षण पदों पर कार्य किया है, जिनमें मिसाइल पोत आईएनएस विद्युत और आईएनएस विनाश, मिसाइल कार्वेट आईएनएस कुलिश, मार्गदर्शक मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मैसूर और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य की कमान शामिल है।
आईडीएस मुख्यालय ने एक पोस्ट में कहा कि वाइस एडमिरल विनीत मैकार्टी ने शुक्रवार को नीति योजना और बल विकास के लिए एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
उसने कहा, ‘‘उनकी (मैकार्टी) नियुक्ति तीनों सेनाओं के बीच समन्वय, रणनीतिक नीति निर्माण और बल विकास पहलों में निरंतरता सुनिश्चित करती है, जो भारत की उभरती हुई रक्षा संरचना के लिए महत्वपूर्ण है।’’
भाषा गोला रंजन
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