नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) सरकार ने संसद को बताया कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 की मसौदा नियमावली पर प्रौद्योगिकी, वित्त, एमएसएमई, स्टार्ट-अप, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज जैसे विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों से कुल 6,915 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को शुक्रवार को यह भी बताया कि डीपीडीपी अधिनियम और मसौदा नियमावली एक महत्वपूर्ण कानूनी ढांचा है जो देश के प्रत्येक नागरिक और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए, सरकार ने अधिनियम और नियमों का मसौदा तैयार करते समय व्यापक सार्वजनिक परामर्श किए हैं।
सरकार ने सार्वजनिक परामर्श के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 (नियम) का मसौदा प्रकाशित किया है। ये नियम अधिनियम के प्रावधानों को क्रियान्वित करना चाहते हैं।
वैष्णव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (डीपीडीपी अधिनियम) डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण का प्रावधान इस तरह से करता है जो व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकारों और वैध उद्देश्यों के लिए ऐसे डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता दोनों को रेखांकित करता है।
भाषा
मनीषा अविनाश
अविनाश