हैदराबाद, एक अगस्त (भाषा) तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने ऐसा समझा जाता है कि स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित अध्यादेश राष्ट्रपति को भेज दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
कांग्रेस सरकार ने जुलाई में अध्यादेश जारी कर पंचायत राज अधिनियम की धारा 285ए में संशोधन किया था, जिसके तहत स्थानीय निकायों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लिए कुल आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित किया गया था।
तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अन्य लाभों के अलावा स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का वादा किया था।
राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को अध्यादेश भेजना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को ग्राम पंचायतों के चुनाव कराने और 30 सितंबर तक परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था।
राष्ट्रपति के जवाब से यह तय होगा कि राज्य सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण दे सकती है या नहीं।
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, उनके कैबिनेट सहयोगी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता 6 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे और विधानमंडल द्वारा पारित पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक पर राष्ट्रपति की मंजूरी की मांग करेंगे।
मुख्यमंत्री और कांग्रेस के अन्य नेता 5 से 7 अगस्त के दौरान दिल्ली का दौरा करेंगे तथा उनकी 7 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की योजना है।
भाषा अमित दिलीप
दिलीप